यूपी बोर्ड कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान सिलेबस 2023 – UP Board Class 10th Social Science Syllabus 2023 | Up Board Class 10 Social Science Syllabus 2022-23
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Class 10 Social Science Syllabus 2022-2023 Up Board –
Up Board Class 10 SST Syllabus 2023
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UP Board Class 10th Social Science Syllabus 2023
इकाई | इकाई का नाम | अंक |
1. | भारत और समकालीन विश्व-2 (इतिहास) | 20 |
2. | इकाई-2 समकालीन भारत-2 (भूगोल) | 20 |
3. |
इकाई-3 लोकतांत्रिक राजनीति-2 (नागरिक शास्त्र) |
15 |
4. |
इकाई 4 आर्थिक विकास की समझ (अर्थशास्त्र) |
15 |
योग – | 70 | |
प्रोजेक्ट कार्य – | 30 | |
कुल योग – | 100 |
Up Board Class 10 Social Science Syllabus 2022-23
भारत और समकालीन विश्व-2 [20 अंक]
खण्ड-1
घटनायें और प्रक्रियायें –
(1) यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
- 1830 ई0 के बाद यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
- जोसेफ मेजिनी आदि के विचार
- पोलैण्ठहगरी इटली, जर्मनी और की सामान्य विशेषताएँ।
(2) भारत में राष्ट्रवाद
- प्रथम विश्व युद्ध का प्रभाव खिलाफत असहयोग एवं विभिन्न आंदोलनों के मध्य विचारधाराएँ |
- नमक सत्याग्रह |
- जनजातियों, श्रमिकों एवं किसानों के आन्दोलन |
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन की सीमायें।
- सामूहिक अपनल की भावना।
खण्ड-2
जीविका अर्थव्यवस्था एवं समाज
(3) भूण्डलीकृत विश्व का बनना –
- पूर्व आधुनिक विश्व
- उन्नीसदी शताब्दी (1815-1014) विश्व अर्थव्यवस्था (उपनिवेशवाद)
- महायुद्धों के मध्य अर्थव्यवस्था आर्थिक महामंदी घोर निराशा)
- विश्व अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण वैश्वीकरण की शुरूआत
(4) औद्योगीकरण का युग –
- औद्योगिक क्रान्ति से पहले एवं औद्योगिक परिवर्तन की गति
- उपनिवेशों में औद्योगीकरण
- प्रारम्भिक उद्यमी और कामगार
- औद्योगिक विकास का अनूठापन
- वस्तुओं के लिये बाजार
(5) मानचित्र कार्य –
इतिहास : भारत का रूपरेखा राजनीतिक मानचित्र
अध्याय-3 : भारत में राष्ट्रवाद (1918-1930) दर्शाना और नामांकन पहचान |
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन :
- कलकत्ता (सितम्बर 1920)
- नागपुर (दिसम्बर 1920 )
- मदास (1927)
- लाहौर (1929)
2. भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के महत्वपूर्ण केन्द्र (असहयोग आन्दोलन और सविनय अवज्ञा आन्दोलन)
- चम्पारण (बिहार)- नील की खेती करने वाले किसानों का आन्दोलन ।
- खेड़ा (गुजरात)- किसान सत्याग्रह |
- अहमदाबाद (गुजरात)- सूती मिल श्रमिकों का सत्याग्रह
- अमृतसर (पंजाब)- जालियांवाला बाग कांड |
- चौरी-चौरा (उत्तर प्रदेश)- असहयोग आन्दोलन का उद्घोस |
- दांडी (गुजरात) – सविनय अवज्ञा आन्दोलन |
दृष्टीबाधित परीक्षार्थियों हेतु मानचित्र कार्य से संबंधित पाँच प्रश्न पूछे जायेंगे।
इकाई-2 समकालीन भारत-2 (भूगोल) [20 अंक]
इकाई-1
- संसाधन एवं विकास – प्रकार प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधन नियोजन की आवश्यकता प्राकृतिक संसाधन एकरूभूमि मिट्टी के प्रकार तथा वितरण भू-उपयोग के प्रारूप में परिवर्तन भू-क्षरण (निम्नीकरण) तथा संरक्षण के उपाय |
- वन एवं वन्य जीव संसाधन – भारत में वनस्पतिजगत एवं प्राणिजगत भारत में वन और वन्य जीवन कर संरक्षण समुदाय और वन संरक्षण |
- जल संसाधन – वितरण उपयोग बहुउदेशय परियोजनाएं जल दुर्लभता संरक्षण एवं की आवश्यकता वर्षा जल संचयन (एक केस स्टडी के साथ)
- कृषि – कृषि के प्रकार मुख्य फसले शस्य प्रारूप तकनीक तथा संस्थागत सुधार, उनका प्रभाव, कृषि का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और उत्पादन में योगदान
- निर्देश- अध्याय- वन एवं जीव संसाधन एवं जल संसाधन से बोर्ड परीक्षा में प्रश्न नहीं आयेंगे। परन्तु मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न एवं प्रोजेक्ट से सम्बन्धी कार्य कराये जायेगे।
इकाई-2
- खनिज तथा ऊर्जा संसाधन – खनिजों के प्रकार वितरण (केवल मानचित्र पर) खनिजों के उपयोग तथा आर्थिक महत्व, संरक्षण, ऊर्जा संसाधनों के प्रकार, परम्परागत तथा गैर-परपरागत, वितरण तथा उपयोग एवं संरक्षण |
- विनिर्माण उद्योग – प्रकार अवस्थितिक (Spatial) वितरण (केवल मानचित्र पर) राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उद्योगों का योगदान, औद्योगिक प्रदूषण तथा पर्यावरण निम्नीकरण
- राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ- संचार एवं परिवहन के साधनों का महत्व व्यापार तथा पर्यटन |
1. मानचित्र कार्य –
- भूगोल : भारत का रूपरेखा राजनीतिक मानचित्र
- अध्याय-1 : संसाधन और विकास मृदाओं के प्रमुख प्रकारों की पहचान
- अध्याय-3 जल संसाधन दर्शाना एवं नामांकन
बांध –
- सलाल
- भाखड़ा नांगल
- टेहरी
- राणा प्रताप सागर
- सरदार सरोवर
- हीराकुंड
- नागार्जुन सागर
- तुगभद्रा : (नदियों के साथ)
अध्याय 4 – कृषि
-
केवल पहचान –
- चावल एवं गेहूँ के प्रमुख क्षेत्र
- प्रमुख / सबसे बड़े उत्पादक राज्य गन्ना, गाय, काफी रबड़ कपास और जूट |
दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों हेतु मानचित्र कार्य से संबंधित पाँच प्रश्न पूछे जायेंगे।
इकाई-3 लोकतांत्रिक राजनीति-2 [15 अंक]
(नागरिक शास्त्र)
इकाई-1
- अध्याय-1 एवं 2 सत्ता की साझेदारी एवं संघवाद- लोकतांत्रिक देशों में सत्ता की साझेदारी क्यूँ और कैसे कैसे शक्ति का संघीय विभाजन राष्ट्रीय एकता में सहायक रहा है? किस सीमा तक विकेन्द्रीकरण ने इस उद्देश्य की पूर्ति की है? लोकतन्त्र किस प्रकार से विभिन्न सामाजिक समूहों को समायोजित करता है?
- अध्याय-3 लोकतंत्र और विविधता – क्या लोकतांत्रिक व्यवस्था में विभाजन निहित है? जाति का राजनीति और राजनीति का जाति पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? किस प्रकार से लैगिक भिन्नता भेद ने राजनीति को प्रभावित किया है? किस प्रकार साम्प्रदायिक विभाजन लोकतंत्र को प्रभावित करता है?
इकाई-2
- अध्याय-5 लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन जाति, धर्म और लैंगिक मसले – क्या लोकतान्त्रिक व्यवस्था में विभाजन निहीत है? जाति का राजनीति और राजनीति का जाति पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? किस प्रकार से भिन्नता ने राजनीति को प्रभावित किया है? किस प्रकार साम्प्रदायिक विभाजन लोकतंत्र को प्रभावित करता है? (उपर्युक्त अध्याय प्रोजेक्ट कार्य के रूप में किया जाना है)
- अध्याय-6 लोकतंत्र के परिणाम – क्या लोकतंत्र को उसके परिणामों से ऑकलित किया (परखा जा सकता है या किया जाना चाहिए? कोई भी व्यक्ति लोकत से क्या तार्किक अपेक्षाएँ कर सकता है? क्या भारतीय लोकतंत्र इन अपेक्षाओं की पूर्ति करता है? क्या लोकतंत्र लोगों के विकास, सुरक्षा और गरिमा को बनाये रखने की ओर अग्रसर रहा है? भारत के लोकतंत्र को किसने जीवित रखा है? (अथवा किसने भारतीय लोकतंत्र को बनाये रखा है?)
- अध्याय-5 राजनीतिक दल – प्रतियोगिता और प्रतिवाद (संघर्ष) में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका होती है? भारत में प्रमुख राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दल कौन-कौन से है?
- अध्याय-8 लोकतंत्र की चुनौतियाँ – क्या लोकतंत्र की विचारधारा संकुचित होती जा रही है? भारतीय लोकतन्त्र के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ क्या है? लोकतन्त्र को कैसे सुधारा और सुदृढ बनाया जा सकता है? लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने में एक साधारण नागरिक क्या भूमिका निभा सकता है?
इकाई 4 आर्थिक विकास की समझ [15 अंक]
(अर्थशास्त्र)
इकाई-1
- विकास : विकास की पारम्परिक अवधारणा राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय आय और अन्य लक्ष्य औसत आय आय और अन्य मापदण्ड शिशु मृत्यु दर, विकास की धारणीयता।
- भारतीय अर्थव्यवस्था के कार्य क्षेत्र –आर्थिक क्रियाओं के क्षेत्र क्षेत्रों में ऐतिहासिक परिवर्तन, तृतीयक क्षेत्र का बढ़ता महत्व, रोजगार सृजन कार्यक्षेत्रों का विभाजन- संगठित तथा असंगठित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के संरक्षण के उपाय।
इकाई-2
- मुद्रा तथा साख – अर्थव्यवस्था में मुद्रा की भूमिका बचत तथा साख के लिये औपचारिक एवं अनौपचारिक वित्तीय संस्थाएँ सामान्य परिचय किसी एक औपचारिक संस्थान जैसे कोई राष्ट्रीयकृत वाणिज्यिक बैंक तथा कुछ अनौपचारिक वित्तीय संस्थानों का चयन किया जाय, स्थानीय साहूकार जमीदार चिट फंड निजी वित्तीय कम्पनियाँ
- भूमंडलीकरण तथा भारतीय अर्थव्यवस्था (वैश्वीकरण) – विभिन्न देशों में उत्पादन विदेशी व्यापार तथा विभिन्न बाजारों का आपस में जुड़ना, वैश्वीकरण क्या है? कारक, विश्व व्यापार संगठन (WTO). प्रभाव न्यायसंगत वैश्वीकरण |
- उपभोक्ता अधिकार – उपभोक्ता का शोषण कैसे होता है (एक या दो साधारण केस अध्ययन) उपभोक्ताओं के शोषण के कारण उपभोक्ता जागरूकता का उदय बाजार में उपभोक्ता को कैसा होना चाहिए ? उपभोक्ता संरक्षण में सरकार की भूमिका ।