कक्षा 12 जीव विज्ञान मॉडल पेपर यूपी बोर्ड Class 12th biology model paper up board
कक्षा 12 जीव विज्ञान मॉडल पेपर यूपी बोर्ड सेट 1 Class 12th biology model paper up board
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1 – निभाग पाया जाता है
- बीजांड में 2. परागकण में
- भ्रूणपोष में 4. ये सभी
उत्तर – निभाग बीजांड में पाया जाता है
प्रश्न 2 – निम्न में से कौन नर सहायक ग्रंथि नहीं है
- शुक्राशय 2. प्रोस्टेट
- तुम्बिक 4. इनमें से कोई नही
उत्तर – तुम्बिका का एक नर सहायक ग्रंथि नहीं है
प्रश्न 3 – निम्नलिखित में से कौन सा पुरुष से संबंधित है
- वैसेक्टोमी 2. गोलियां
- Tubectomy 4. इनमें से कोई नहीं
उत्तर – वैसेक्टोमी पुरुष से संबंधित है
प्रश्न 4 – मानव में ABO रुधिर वर्गों के कितने जीनोटाइप संव है
- 2 2. 4
- 6 4. 8
उत्तर – मानव में ABO रुधिर वर्गों के 6 जीनोटाइप संभव है
प्रश्न 5 – शर्करा से अल्कोहल का उत्पादन करने वाला कवक है
- यीस्ट 2. पेनिसिलियम
- राइजोपस 4. म्यूकर
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – पेनिसिलिन की खोज किसने की थी और यह किस सूक्ष्म जीव से प्राप्त होता है ?
उत्तर – पेनिसिलिन की खोज 1929 ईस्वी में एलेग्जेंडर वह फ्लेमिंग नामक वैज्ञानिक ने किया था | यह नोटेटम नामक कवक से प्राप्त होता है |
प्रश्न 2. कौन सा जंतु भारत में अधिक शिकार होने के कारण विलुप्त होता जा रहा है ?
उत्तर – ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और एक सींग वाला गैंडा अत्यधिक शिकार के कारण विलुप्त होता जा रहा हैं
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – जलमल किसे कहते हैं और इसके उपचार में होने वाले प्रयुक्त लघु इकाइयों के नाम लिखिए
उत्तर – जल में अनेक प्रकार के व्यर्थ अपशिष्ट पदार्थ जैसे मल मूत्र इत्यादि के मिलने से जल प्रदूषित हो जाता है जिसे वाहित मल कहते हैं वाहित मल के उपचार में सेप्टिक टैंक व ऑक्सीकरण तालाब इत्यादि लघु इकाइयां बनाई जाती है
प्रश्न 2 – इंटरफेरॉन क्या है तथा इसके कार्य को लिखो
उत्तर – इंटरफेरॉन विषाणु प्रोटीन के अणु होते हैं जब कोशिकाएं विषाणु से संक्रमित हो जाती है तो इसी प्रकार के प्रोटीन को मुक्त करती हैं जो विषाणु के संक्रमण से बचाती है और यह प्रोटीन स्वस्थ और संक्रमित कोशिकाओं को विषाणु के संक्रमण से बचाती है | प्रियांश एक प्रकार का संक्रमित प्रोटीन है जिस पर उच्च ताप और विकिरण का प्रभाव नहीं पड़ता तथा यह रोग उत्पन्न करते हैं
प्रश्न 3 – प्यूरिन तथा पिरिमिडीन क्षारको में अंतर लिखो
उत्तर – प्यूरिन
* यह कार्बन तथा नाइट्रोजन से बने दो चक्र होते हैं
* एडिनिन तथा ग्वानिन प्रमुख प्यूरीन है
* इसमें पांच सदस्यीय वलय के सातवें तथा नवें स्थानों पर कार्बन की जगह नाइट्रोजन परमाणु उपस्थित होते हैं
पिरिमिडीन –
* यह कार्बन तथा नाइट्रोजन से बने एक चक्र होते हैं
* थायमिन, यूरेसिल और साइटोसीन पिरिमिडीन प्यूरीन है
* इसमें छः सदस्यीय वलय के एक तथा तीन स्थानों पर कार्बन की जगह नाइट्रोजन परमाणु उपस्थित होते हैं
प्रश्न 4 – जीन प्रारूप तथा लक्षण प्रारूप से आप क्या समझते हैं
उत्तर – जीन प्रारूप – जीन संरचना के आधार पर अनुपात को जीन प्रारूप अनुपात कहते हैं यह जीव के अनुवांशिक संगठन को व्यक्त करता हैं
लक्षण प्रारूप – यह किसी भी जीव की बाहरी लक्षणों जैसी रंग-रूप आकार आकृति तथा उसके स्वभाव को व्यक्त करता है
प्रश्र 5 – परिवार नियोजन पर टिप्पणी कीजिए
उत्तर – शुक्राणुओं और अंडाणु के मिलने में बाधा उत्पन्न करने तथा निषेचन क्रिया को नहीं होने देने को गर्भनिरोधन कहते हैं | गर्भनिरोधन के लिए विभिन्न प्रकार की युक्तियों का उपयोग किया जाता है जिसे गर्भनिरोधक कहते हैं जैसे कंडोम, गोलियां
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न – संक्रामक तथा असंक्रामक रोग क्या है ? प्रत्येक के उदाहरण देकर इनके कारक लक्षण तथा रोकथाम की विधि लिखो |
उत्तर – संक्रामक रोग – वह रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से संचारित हो जाते हैं उसे संक्रामक रोग कहते हैं संक्रामक रोग दो प्रकार के होते हैं
- प्रत्यक्ष संक्रामक रोग
- अप्रत्यक्ष संक्रामक रोग
* संक्रामक रोग जीवाणु, विषाणु, कवक के द्वारा फैलती है इसके उदाहरण जैसे हैजा टाइफाइड, पोलियो ,खसरा इत्यादि
हैजा – यह रोग विब्रियो कालेरी के द्वारा फैलता है | हैजा मक्खियों द्वारा, संक्रमित जल तथा संक्रमित भोजन की द्वारा फैलता है |
हैजा के लक्षण – शरीर में जल की कमी, शरीर के भार में कमी, रोगी को दस्त, उल्टी तथा ऐंठन होने लगना
हैजा के बचाव के उपाय – पानी को उबालकर पीना, हैजे का टीके लगवाना तथा बासी वह खुले भोजन पदार्थों का सेवन नहीं करना |
हैजा का उपचार – रोगी को जल तथा ओआरएस का घोल पिलाना चाहिए
असंक्रामक रोग – इस रोग का संचरण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं होता बल्कि यह रोग पोषक पदार्थ की कमी तथा शरीर में उपापचय त्रुटियों के कारण से होता है | असंक्रामक रोग के उदाहरण जैसे मधुमेह, हृदयाघात, गठिया, कैंसर इत्यादि
मधुमेह – जब शरीर में अग्नाशय की लैंगर हेंस द्विप की अल्प सक्रियता के परिणामस्वरुप इंसुलिन की कमी हो जाती है तो मधुमेह रोग उत्पन्न होता है
* इस रोग से प्रभावित व्यक्ति के रुधिर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और ग्लूकोज का उत्सर्जन मूत्र के साथ होने लगता है
मधुमेह रोग के लक्षण – शरीर के भार में कमी होना, रोगी में कमजोरी आ जाना, थकावट लगना, मूत्र शीघ्रता से आने लगना
मधुमेह रोग के बचाव के उपाय – इस रोग से बचने के लिए संतुलित भोजन एवं पोषक आहार लेना चाहिए तथा नियमित व्यायाम भी करना चाहिए व्यक्ति को शर्करा युक्त पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए
मधुमेह रोग के उपचार – डॉक्टर के परामर्श से औषधि समय पर लेना चाहिए तथा भोजन उचित मात्रा में और समय-समय पर करना चाहिए तथा रोगी को इंसुलिन लेने से रोग नियंत्रित किया जा सकता है