|जीवो में जनन कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 1 NCERT Class 12th Biology Chapter 1 in hindi
हम इसमें एनसीईआरटी कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 1 जीवो में जनन ( NCERT Class 12 Biology Chapter 1 Reproduction in Organisms ) संपूर्ण अध्याय का फ्री में नोट्स PDF दिया है यदि आप हिंदी माध्यम के छात्र हैं तो आप यहां से पढ़ कर अपना नोट्स कक्षा बारहवीं जीव विज्ञान चैप्टर 1 का कंप्लीट कर सकेंगे |
कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 1 (भाग एक)
जनन – जीव अपने समान संतान उत्पन्न करता है जिसे जनन कहते हैं
जीवन काल – जीव का जन्म से लेकर उसकी प्राकृतिक मृत्यु तक की अवधि को जीवन काल कहते हैं
कुछ जीवो का जीवनकाल निम्न्लिखित है –
हाथी का जीवनकाल 65 से 70 साल तक होता है, घोड़े का जीवनकाल 50 से 60 साल तक होता है, गुलाब का जीवनकाल 5 से 7 साल तक होता है, कुत्ते का जीवनकाल 20 से 25 साल होता है, गाय का जीवनकाल 20 से 25 साल होता है तथा बरगद का जीवनकाल 200 वर्षों तक होता है
जनन की विधियां – जीवो में मुख्य रूप से जनन की दो विधियां पाई जाती हैं
- अलैंगिक जनन
- लैंगिक जनन
- अलैंगिक जनन – जब जनन की क्रिया में केवल एक जनक भाग लेता है तो उसे अलैंगिक जनन कहते हैंइसमें प्राप्त संताने जनक के समान दिखाई देती हैं इसीलिए इन से उत्पन्न संतानों को क्लोन कहते हैं और यह तेजी दर के साथ होने वाला जनन है
लैंगिक जनन – जब जनन की क्रिया में दो जनक भाग लेते हैं तो उसे लैंगिक जनन कहते हैं | इनमें प्राप्त संताने जनक से भिन्न दिखाई देती हैं | इसमें जनन के लिए शरीर में विशेष प्रकार के जननांग होते हैं | शरीर की सामान्य कोशिकाओं से भिन्न प्रकार की दो अगुणित कोशिकाओं का सयुग्मन लैंगिक जनन की आधारभूत प्रक्रिया होती है | इन अगुणित कोशिकाओं को युग्मक कहते हैं| युग्मक प्रमुख जननांगों की जनन कोशिकाओं में विशेष प्रकार के अर्धसूत्रीविभाजन से बनती है इनकी बनने की इस प्रक्रिया को युग्मक जनन कहते हैं | संयुगमन में भाग लेने वाली दो लैंगिक कोशिकाओं भिन्न प्रकार की होती है| एक नर युग्मक कोशिका तथा दूसरी मादा युग्मक कोशिका होती है इनके संयुग्मन से बनी द्विगुणित कोशिका को युग्मनज अर्थात जाईगोट कहते हैं |
अलैंगिक जनन (sexual reproduction) – इसे एकल जीव जनन भी कहा जाता है क्योंकि इस प्रक्रिया में केवल एक जीव भाग लेते हैं
अलैंगिक जनन की विधियां – अलैंगिक जनन की निम्नलिखित प्रमुख विधियां है
- द्वि विभाजन
- बीजाणु जनन
- मुकुलन
- खंडी भवन
- पुनरुदभवन
द्वि विभाजन (binary fission) – जनन की यह विधि प्रोटोजोआ संघ के जीवो में मुख्य रूप से पाई जाती है | इस संघ के जीव एक कोशिकीय होते हैं | द्विविभाजन के समय इन जीजों का शरीर सूत्री विभाजन द्वारा दो समान गुणों वाली संतति कोशिकाओं में बैट जाती है इस प्रकार संघ प्रोटोजोआ के सदस्यों की प्राकृतिक मृत्यु नहीं होती है परंतु पृथक जीव के रूप में इनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है उदाहरण के लिए जैसे यूग्लीना अमीबा इत्यादि|
2. बीजाणु जनन – बीजाणु एक कोशिकीय पतली भित्ति युक्त संरचना है | इनकी अंकुरण से नए पौधे का निर्माण होता है मुख्यतः कवक एवं शैवाल में बीजानुओ का निर्माण होता है उदाहरण के लिए जैसे यूलोथ्रिक्स शैवाल में बनने वाले चल तथा अचल बीजाणु पेनिसिलियम कवक में करणा आदि |
3. मुकुलन – इस प्रकार का विभाजन यीस्ट एवं कुछ जीवाणुओं में पाया जाता है इसमें कोशिका में वाह्य वृद्धि होकर एक या एक से अधिक छोटी संरचनाएं बन जाती हैं जिन्हें मुकुल कहते हैं तथा केंद्रक सूत्री विभाजन द्वारा विभाजित होकर दो भागों में बांट जाता है प्रत्येक मुकुल मात्र कोशिका से अलग होकर यीस्ट की नई कोशिका में परिवर्तित हो जाता है
4. खंडी भवन – इसमें बहुकोशिकीय जनक का शरीर दो या दो से अधिक टुकड़ों में टूट जाता है प्रत्येक टुकड़ा पुनरुदभवन द्वारा एक नई वयस्क संतति को विकसित करता है तंतु अग्रवाल जैसे स्पाइरोगाइरा वही यूलोथ्रिक्स के पौधों में तथा कुछ अकशेरुकी जंतुओं में खंडी भवन की क्षमता होती है
5. पुनरुदभवन – अमीबा, स्पंज, हाइड्रा आदि में पुनरुदभवन की बहुत अधिक क्षमता होती है यदि इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दे तो सभी एक ऐसे टुकड़ों में जिनमें केंद्र का अंश भी है वृद्धि करके पूर्ण जीवन में बदल जाते हैं और जिन टुकड़ों में केंद्रक का अंत नहीं होता है वह शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं