Up Board Class 12 Hindi Model Paper pdf | कक्षा 12 में सामान्य हिंदी के मॉडल पेपर यूपी बोर्ड | Up Board 12th Hindi Model Paper pdf

Up Board Class 12 Hindi Model Paper pdf | कक्षा 12 में सामान्य हिंदी के मॉडल पेपर यूपी बोर्ड | Up Board 12th Hindi Model Paper pdf

इसमें यूपी बोर्ड कक्षा 12 में सामान्य हिंदी के मॉडल पेपर (Up Board Class 12 Hindi Model Paper) को बताया गया है | यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं हिंदी मॉडल पेपर का खंड का है जिसमें गद्य साहित्य एवं पद्य साहित्य 10 महत्वपूर्ण प्रश्नों को बताया गया है तथा 12वीं हिंदी के महत्वपूर्ण गद्यांश एवं पद्यांश को बताया गया है जो कि 10 – 10 अंक का यूपी बोर्ड परीक्षा पेपर में पूछा जाता है | (class 12 hindi model paper solution,12th hindi model paper Up Board,up board class 12th hindi paper pdf, class 12 hindi model paper pdf up board,skm study,skm study Claases,skm study pdf)

कक्षा 12 सामान्य हिंदी

समय – 3 घंटे 15 मिनट
नोट- प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
(खण्ड-क)
1. क) ‘कल्पलता’ के लेखक हैं –
i) हजारी प्रसाद द्विवेदी
ii) प्रो० जी० सुन्दर रेड्डी
iii) वासुदेवशरण अग्रवाल
iv) प्रेमचन्द |
उत्तर – हजारी प्रसाद द्विवेदी
ख) हरिशंकर परसाई की ‘जैसे उनके दिन फिरे’ किस विधा की रचना है –
i) उपन्यास
ii) कहानी
iii) निबन्ध
iv) नाटक ।
उत्तर – कहानी
ग) आनन्द कादम्बिनी’ पत्रिका के संपादक थे –
i) प्रतापनारायण मिश्र
ii) बालमुकुन्द गुप्त
iii) राधाचरण गोस्वामी
iv) बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’।
उत्तर – बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’।
घ) ‘मेरी असफलताएँ’ किस विधा की रचना है?
i) डायरी
ii) आत्मकथा
iii) जीवनी
iv) संस्मरण ।
उत्तर – आत्मकथा
ङ) द्विवेदी-युग के लेखक हैं –
i) सदल मिश्र
ii) मोहन राकेश
iii) रीति काल
iv) आधुनिक काल |
उत्तर –
2. क) विनय पत्रिका किस काल की रचना है?
i) आदि काल
ii) भक्ति काल
iii) सरदार पूर्णसिंह
iv) हजारीप्रसाद द्विवेदी ।
उत्तर – भक्ति काल
ख) छायावाद की विशेषता है –
i) उपदेशात्मक वृत्ति
ii) इतिवृत्तात्मकता
iii) सौन्दर्य और प्रेम
iv) शृंगार वर्णन |
उत्तर – सौन्दर्य और प्रेम
ग) निम्नलिखित में से ‘हरिऔध’ की रचना नहीं है
i) ‘चुभते चौपदे”
ii) ‘रस कलश’
iii) ‘वैदेही वनवास
iv) ‘अनघ’।
उत्तर –
घ) निम्नलिखित में एक चम्पू काव्य है –
i) ‘पंचवटी’
ii) ‘द्वापर’
iii) ‘यशोधरा’
iv) ‘सिद्धराज’।
उत्तर – यशोधरा’
ङ) ‘अष्टछाप’ के कवि नहीं हैं –
i) परमानन्ददास
ii) गोविन्द स्वामी
iii) ईश्वरदास
(iv) नन्ददास ।
उत्तर –
3. दिये गये गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए 5 x 2 = 10
भाषा स्वयं संस्कृति का एक अटूट अंग है। संस्कृति परम्परा से निःसृत होने पर भी परिवर्तनशील और गतिशील है। उसकी गति विज्ञान की प्रगति के साथ जोड़ी जाती है। वैज्ञानिक आविष्कारों के प्रभाव के कारण उद्भुत नयी सांस्कृतिक हलचलों को शाब्दिक रूप देने के लिए भाषा के परम्परागत प्रयोग पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए नये प्रयोगों की, नयी भाव योजनाओं को व्यक्त करने के लिए नये शब्दों की खोज की महती आवश्यकता है।
i) संस्कृति की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – संस्कृति की मुख्य विशेषता परिवर्तनशील एवं गतिशील होना होता है |
ii) नए शब्दों की खोज की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर – नए शब्दों की खोज की आवश्यकता अपने भाव योजनाओं को व्यक्त करने के लिए होता है |
iii) ‘उद्भूत’ और ‘परम्परागत’ का अर्थ लिखिए।
उत्तर – अद्भुत का अर्थ उत्पन्न होना होता है तथा परंपरागत का अर्थ परंपरा से चली आ रही होता है |
iv) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
उत्तर – आज जिस तरह से वैज्ञानिक ने नए आविष्कार कर रहे हैं उसके कारण संस्कृत गतिविधियों को शाब्दिक रूप देने के लिए भाषा में भी परिवर्तन की आवश्यकता हो जाता है अर्थात उसके कारण उद्भव नई संस्कृत की हलचल को शाब्दिक रूप देने के लिए परंपरागत भाषा का प्रयोग पर्याप्त नहीं है |
v) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर – प्रस्तुत गद्यांश प्रोफेसर जी सुंदर रेड्डी द्वारा लिखी गई है तथा ‘भाषा और आधुनिकता’ नामक निबंध से लिया गया है
4. दिये गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए 5 x 2 = 10
जाते जाते अगर पथ में क्लान्त कोई दिखावे। तो जाके सन्निकट उसकी क्लान्तियों को मिटाना। धीर-धीर परस करके गात उत्ताप खोना। सद्गंधों से श्रमित जन को हर्षितों सा बनाना। लज्जाशीला पथिक महिला जो कहीं दृष्टि आये। होने देना विकृत-वसना तो न तू सुन्दरी को । जो थोड़ी भी श्रमित वह हो गोद ले श्रान्ति खोना। होंटों की औ कमल-मुख की म्लानताएँ मिटाना |
i) राधा पवन को क्लान्त व्यक्ति के सम्बन्ध में क्या समझाती है?
उत्तर – राधा पवन से कहती हैं कि यदि आपको रास्ते में जाते – जाते कोई थका हुआ दुखी एवं व्याकुल व्यक्ति दिखाई दे तो उसके पास जाकर उसके सारे दुखों को दूर कर देना |
(ii) राधा ने पवन को पथिक महिला के साथ कैसा व्यवहार करने के लिए निर्देश दिया ?
उत्तर – राधा जी पवन से कहती है कि यदि आपको रास्ते में कोई लज्जासील महिला दिखाई पड़े तो तुम उसके वस्त्र को उड़ाना मत | यदि वह थकी प्रतीत होती है तो तुम उसे गोद में लेकर उसकी थकावट को दूर कर देना और उसके होठों एवं कमल जैसे मुख्य की मलिनता को अपनी शीतलता से दूर कर देना |
iii) ‘कमल-मुख’ में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर – कमल मुख्य में कर्मधारण समास है |
iv) रेखांकित अंश का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – राधा जी पवन से कहती है कि यदि कोई रास्ते में व्यक्ति मिले तो उसके शरीर को स्पर्श करके उसकी गर्मी को दूर करना और अपनी सुगंध से उसे प्रसन्न कर देना |
(v) उपर्युक्त पद्यांश के पाठ का शीर्षक और उसके कवि का नाम लिखिए।
उत्तर – प्रस्तुत पद्यांश के पाठ का शीर्षक ‘ पवन दूतिका’ तथा इसके कवि अयोध्या सिंह ‘उपाध्याय हरिऔध’ जी है |

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