Up Board Class 12th Hindi Model Paper
Up Board Class 12th Hindi Model Paper With Solution : इस पोस्ट के माध्यम से मैंने यूपी बोर्ड परीक्षा कक्षा 12 वीं सामान्य हिंदी मॉडल पेपर को पूरा दिया है यह सामान्य हिंदी कक्षा बारहवीं का मॉडल पेपर पूरा हल सहित है मैंने यहां पर एक से लेकर 14 प्रश्नों का उत्तर कुंजी भी दिया है आप इसे पढ़कर आसानी से अपने यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं और अपने हिंदी कक्षा 12वीं में पूरा नंबर स्कोर कर सकते हैं |
यूपी बोर्ड कक्षा 12 सामान्य हिंदी मॉडल पेपर
यूपी बोर्ड मॉडलप्रश्न 2023
कक्षा 12 सामान्य हिंदी
केवल प्रश्नपत्र हल सहित
समय : तीन घण्टे 15 मिनट ] [ पूर्णांक : 100
निर्देश:
(i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
(ii) इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
खण्ड-क
(क) ‘सरस्वती’ पत्रिका का प्रकाशन किस युग में हुआ
(a) भारतेन्दु युग
(b) द्विवेदी युग
(c) शुक्ल युग
(d) शुक्लोत्तर युग
उत्तर : (b) द्विवेदी युग
(ख) ‘संस्कृति के चार अध्याय’ पुस्तक के लेखक हैं-
(a) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(c) रामवृक्ष बेनीपुरी
(b) वासुदेवशरण अग्रवाल
(d) विद्यानिवास मिश्र
उत्तर : a
(ग) ‘रामचन्द्र शुक्ल’ द्वारा लिखा गया निबन्ध है-
(a) अशोक के फूल
(b) राष्ट्र का स्वरूप
(c) कविता क्या है?
(d) तुम चन्दन हम पानी
उत्तर : c
(घ) ‘अजातशत्रु’ किस विधा की रचना है?
(a) जीवनी
(b) नाटक
(c) संस्मरण
(d) आत्मकथा
उत्तर : b
(ङ) ‘अज्ञेय’ की रचना है-
(a) शेखर एक जीवनी
(b) पृथ्वीपुत्र
(c) विचार प्रवाह
(d) मेरे विचार
उत्तर : a
2. (क) ‘कबीरदास’ प्रमुख कवि हैं-
(a) निर्गुण काव्य धारा के
(b) सगुण काव्य धारा के
(c) प्रगतिवादी काव्य धारा के
(d) प्रयोगवादी काव्य धारा के
उत्तर : a
(ख) ‘बिहारीलाल’ ने प्रमुख रूप से किस छन्द में रचना की है?
(a) चौपाई
(c) कुंडलिया
(b) दोहा
(d) सवैया
उत्तर : b
(ग) ‘नौका विहार’ कविता का सम्बन्ध किस नदी से है?
(a) गंगा
(b) यमुना
(c) सरस्वती
(d) घाघरा
उत्तर : a
(घ) प्रयोगवादी काव्य धारा के कवि हैं-
(a) महादेवी वर्मा
(b) सुमित्रानन्दन पंत
(c) निराला
(d) गिरिजा कुमार माथुर
उत्तर : d
(ङ) ‘आँसू’ काव्य में प्रधान रस है-
(a) करुण रस
(b) शान्त रस
(c) वीर रस
(d) हास्य रस
उत्तर : a
3. दिये गये गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए 5×2=10
राष्ट्र का तीसरा अंग जन की संस्कृति है। मनुष्यों ने युग-युगों में जिस सभ्यता का निर्माण किया है, वही उसके जीवन की श्वास-प्रश्वास है। बिना संस्कृति के जन की कल्पना कबंधमात्र है। संस्कृति ही जन का मस्तिष्क है। संस्कृति के विकास और अभ्युदय के द्वारा राष्ट्र की वृद्धि सम्भव है। राष्ट्र के समग्र रूप में भूमि और जन के साथ-साथ जन की संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थान है।
(क) पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर : प्रस्तुत गद्यांश ‘राष्ट्र का स्वरूप’ शीर्षक से लिया गया है। इसके लेखक ‘डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल’ हैं।
(ख) राष्ट्र का तीसरा अंग क्या है?
उत्तर : राष्ट्र का तीसरा अंग ‘जन की संस्कृति’ है।
(ग) राष्ट्र का विकास किसके द्वारा सम्भव है?
उत्तर : संस्कृति के विकास और अभ्युदय द्वारा राष्ट्र का विकास सम्भव है।
(घ) जन का मस्तिष्क क्या है?
उत्तर : जन का मस्तिष्क संस्कृति है।
(ङ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : रेखांकित अंश की व्याख्या- वस्तुतः संस्कृति मनुष्य का मस्तिष्क है और मनुष्य के जीवन में मस्तिष्क सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंग है, क्योंकि मानव शरीर का संचालन और नियंत्रण उसी से होता है। मस्तिष्क की मृत्यु होने पर व्यक्ति को मृत मान लिया जाता है, भले ही उसका शरीर भली-भांति कार्य कर रहा हो और जीवित हो। जिस प्रकार मस्तिष्क से रहित व्यक्ति नहीं कहा जा सकता अर्थात | मस्तिष्क के बिना मनुष्य की कल्पना नहीं की जा सकती, उसी प्रकार संस्कृति के बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
4. दिये गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 5×2 = 10
मैं नीर भरी दुख की बदली
स्पन्दन में चिर निस्पन्द बसा,
क्रन्दन में आहत विश्व हँसा,
नयनों में दीपक से जलते,
पलकों में निर्झरिणी मचली।
(क) कविता का शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
उत्तर : प्रस्तुत पद्यांश ‘सांध्य गीत’ काव्य संग्रह के गीत- 3 शीर्षक से अवतरित है। यह कविता ‘महादेवी वर्मा’ द्वारा रचित है।
(ख) कवयित्री ने स्वयं को क्या बताया हैं?
उत्तर : कवयित्री स्वयं को ‘नीर भरी दुःख की बदली’ अर्थात दुःख की बदलियों से घिरा हुआ बताया है।
(ग) किससे आहत होकर विश्व हँसा?
उत्तर : ‘क्रंदन’ से आहत होकर विश्व हँसा है।
(घ) पलकों में क्या मचली?
उत्तर : पलकों में निर्झरिणी मचली है।
(ङ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : प्रस्तुत रेखांकित पंक्तियों में कवयित्री अपने जीवन की तुलना बदली से करते हुए कहती हैं कि मै नीर भरी दुःख की बदली हूँ अर्थात मेरा जीवन दुःख की बदलियों से भरा हुआ है, जिस प्रकार बदली पानी से भरी हुई रहती है उसी प्रकार अथाह विरह की वेदना के कारण मेरी आँखों में आँसू भरे रहते हैं।
5. (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों के नाम लिखिए: (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द) 3+2=5
(i) डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी
(ii) प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी
(iii) डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
उत्तर : (i) डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी का साहित्यक परिचय –
डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। इनका जन्म श्रावण शुक्ल पक्ष एकादशी संवत् 1964 (सन् 1907 ई.) को बलिया जिले के ‘दूबे का छपरा’ नामक ग्राम में एक प्रतिष्ठित सरयूपारीण ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बाल्यकाल से ही प्रतिभाशाली द्विवेदी जी ने उच्च शिक्षा प्राप्त की तथा शान्तिनिकेतन के हिन्दी भवन के निदेशक के पद को सन् 1940 से 1950 तक सुशोभित किया। तत्पश्चात काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय ग्रन्थ न्यास, नागरी प्रचारिणी सभा इत्यादि विभिन्न संस्थाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान कार्यों के सन्दर्भ में इन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन किया। सन् 1957 में इन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया। जीवन के अन्त समय तक द्विवेदी जी साहित्य साधना में प्रवृत्त रहे और 18 मई, 1979 ई. को इस भुवनलोक से प्रयाण कर गये। आचार्य द्विवेदी का साहित्य विपुल है।
इनकी कृतियों को कुछ इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है-
- इतिहास – हिन्दी साहित्य की भूमिका, हिन्दी साहित्य का आदिकाल, हिन्दी साहित्य |
- उपन्यास- अनामदास का पोथा, चारूचन्द्रलेख, पुनर्नवा, बाणभट्ट की आत्मकथा ।
- निबन्ध संग्रह- अशोक के फूल, विचार और वितर्क, कल्पलता, आलोक पर्व, विचार-प्रवाह, कुटज ।
- साहित्यिक, शास्त्रीय, आलोचनात्मक ग्रंथ- कालिदास की लालित्य योजना, सहज साधना, मध्यकालीन बोध का स्वरूप, कबीर, सूर साहित्य, साहित्य का मर्म, साहित्य सहचर।
(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द) 3+2=5
(i) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
(ii) जयशंकर प्रसाद
(iii) मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर : (i) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ साहित्यिक परिचय –
द्विवेदी युग के प्रतिनिधि साहित्यकार अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ का जन्म 15 अप्रैल, सन् 1865 ई. में जिला आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। फारसी माध्यम से शिक्षा की शुरुआत करने वाले उपाध्याय ने स्वाध्याय के बल पर हिन्दी, अंग्रेजी तथा संस्कृत पर समानाधिकार प्राप्त किया। आजमगढ़ के मिडिल स्कूल में अध्यापक, कानूनगों और काशी विश्वविद्यालय में अवैतनिक शिक्षक के पद पर कार्य किया। 6 मार्च, 1947 ई. में इनका देहावसान हो गया।
प्रियप्रवास, वैदेही वनवास, पारिजात, चुभते चौपदे, चोखे ठाठ, चौपदे, रसकलश, अधखिला फूल, ठेठ हिन्दी के रूक्मिणी परिणय इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। ये कवि सम्राट, साहित्य वाचस्पति इत्यादि उपाधियों से अलंकृत किये गये। हिन्दी साहित्य में खड़ी बोली काव्य के स्वरूपगत उन्नयन का श्रेय ‘हरिऔध’ जी को दिया जाता है। भाषा, भाव, छन्द तथा अभिव्यंजना की लीक पर चल रही परम्पराओं को बेलीक कर न केवल नवीन मान्यताएँ स्थापित की, अपितु उन्हें मूर्त रूप भी प्रदान किया।
6. ‘बहादुर’ अथवा ‘ध्रुव यात्रा’ कहानी की कथावस्तु का सार लिखिए। (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)
उत्तर : बहादुर की कथावस्तु का सार-
अमरकान्त द्वारा लिखित ‘बहादुर’ यथार्थवादी कहानी है जिसका नायक 12-13 वर्ष का नेपाली बालक है जो अपनी माँ की पिटाई से त्रस्त होकर भाग आया है और लेखक के घर नौकरी कर लेता है। निर्मला, जो लेखक की पत्नी व गृहस्वामिनी है, पहले कुछ दिनों तक तो उससे बड़ा लाड़ जताती है और उसका नाम बहादुर रखती हैं। किन्तु धीरे-धीरे निर्मला तथा अन्य परिवारजनों का व्यवहार बदलने लगता है। बहादुर देर रात तक परिश्रम से अपना काम करता है पर लेखक का पुत्र किशोर मीन-मेख निकाल कर अक्सर बहादुर की पिटाई कर देता है। हद तो तब हो जाती है जब घर आये मेहमान बहादुर पर चोरी का इल्जाम लगाते हैं। घरवाले भी उन पर विश्वास कर बहादुर से कड़ाई से पूछताछ करते हैं। बहादुर को यह बात अखर जाती है और वह बिना कुछ कहे, बिना पारिश्रमिक लिये घर छोड़ कर चला जाता है, बहादुर के जाने के बाद घर वाले बहादुर के साथ किये व्यवहार पर पश्चाताप करते हैं पर ‘अब पछताये होत क्या, जब चिड़िया चुग गयी खेत’ ।
7. स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्ड के एक प्रश्न का उत्तर दीजिए : (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)
(क) ‘श्रवणकुमार’ का चरित्र-चित्रण कीजिए।
अथवा
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य की कथावस्तु लिखिए।
(ख) ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के सर्वश्रेष्ठ स्त्री पात्र का चरित्र चित्रण कीजिए।
खण्ड – ख
8. (क) दिये गये संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए :
संस्कृतस्य साहित्यं सरसं, व्याकरणञ्च सुनिश्चितम् । तस्य गद्ये पद्ये च लालित्यं, भावबोधसामर्थ्यम्, अद्वितीयं श्रुतिमाधुर्यञ्च वर्तते। किं बहुना चरित्रनिर्माणार्थं यादृशीं सत्प्रेरणा संस्कृतवाङ्मयं ददाति न तादृशीम् किञ्चिदन्यत । मूलभूतानां मानवीय गुणानां यादृशी विवेचना संस्कृत साहित्ये वर्तते नान्यत्र तादृशी ।
उत्तर : सन्दर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ के ‘संस्कृतभाषायाः महत्त्वम’ से अवतरित है जिसमें संस्कृत भाषा के व्याकरण का वर्णन है।
हिंदी अनुवाद- संस्कृत का साहित्य सरस है और (उसका) व्याकरण सुनिश्चित है। उसके गद्य-पद्य में लालित्य, भावों का बोध कराने की क्षमता और अद्वितीय श्रुतिमाधुर्य है। अधिक क्या कहा जाय, चरित्र निर्माण की जैसी सत्प्रेरणा संस्कृत साहित्य देता है, वैसी प्रेरणा अन्य कोई साहित्य नहीं देता ।
(ख) दिये गये श्लोकों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए : 2+5=7
न चौरहार्यं न च राजहार्यं
न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि
व्यये कृते वर्द्धत एव नित्यं
विद्या धनं सर्वधनंप्रधानम्।
उत्तर- सन्दर्भ- प्रस्तुत संस्कृत श्लोक पाठ्य पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ के ‘सुभाषितरत्नानि पाठ से अवतरित है।
प्रसंग – श्लोक में विद्या रूपी धन को सभी धनों में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।
हिंदी में अनुवाद – विद्या रूपी धन सभी धनों में श्रेष्ठ है क्योंकि न तो चोर इसे चुरा सकता है, न ही राजा इसे छीन सकता है, न भाई इसे बाँट सकता है, न ही यह बोझ बनता है क्योंकि इसके नित्य व्यय करने पर भी इसमें निरन्तर वृद्धि ही होती है।
9. निम्नलिखित मुहावरों और लोकोक्तियों में से किसी एक का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए: 1+1=2
(क) अक्ल का दुश्मन।
उत्तर : अक्ल का दुश्मन- मूर्ख होना।
वाक्य प्रयोग – उसे समझाना व्यर्थ है, वह तो ‘अक्ल का दुश्मन’ है।
(ख) गागर में सागर भरना ।
उत्तर : गागर में सागर भरना- कम शब्दों में बड़ी बात कह देना।
वाक्य प्रयोग- कवि बिहारी के दोहे ‘गागर में सागर’ हैं।
(ग) हाथ पीले करना ।
उत्तर : हाँथ पीले करना- लड़की का विवाह करना ।
वाक्य प्रयोग- वह पति की मृत्यु के बाद बड़ी मुश्किल से अपनी बेटी के हाँथ पीले कर सकी।
(घ) मुँह फुलाना ।
उत्तर : मुँह फुलाना- असन्तुष्ट होना ।
वाक्य प्रयोग- वह छोटी-छोटी बातों पर मुंह फुला लेता है।
10. (क) निम्नलिखित शब्दों के सन्धि-विच्छेद के सही विकल्प का चयन कीजिए :
(i) ‘पुस्तकालयः’ का सही सन्धि-विच्छेद है-
(a) पुस्तक + आलयः
(c) पुस् + तकालयः
(d) पूस्तक + आलयः
(b) पुस्तका + लयः
उत्तर : (a) पुस्तकालयः
(ii) ‘तथेति’ का सही सन्धि-विच्छेद है-
(a) तथा + इति
(b) तथ् + इति
(c) तथा + इती
(d) तथाई + ति
उत्तर : (a) तथेति = तथा + इति।
(iii) ‘नायकः’ का सही सन्धि-विच्छेद है-
(a) नै + अकः
(b) नाय + कः
(c) ने + अक:
(d) ना + यकः
उत्तर : (a) नायकः = नै + अक:।
(ख) दिये गये निम्नलिखित शब्दों की ‘विभक्ति’ और ‘वचन’ के अनुसार सही विकल्प का चयन कीजिए:
(i) ‘आत्मनि’ शब्द में विभक्ति और वचन है-
(a) सप्तमी विभक्ति, एकवचन
(b) चतुर्थी विभक्ति, एकवचन
(c) पंचमी विभक्ति, बहुवचन
(d) तृतीया विभक्ति, द्विवचन
उत्तर : (a) सप्तमी विभक्ति, एकवचन
(ii) ‘नामसु’ शब्द में विभक्ति और वचन है-
(a) सप्तमी विभक्ति, बहुवचन
(b) चतुर्थी विभक्ति, एकवचन
(c) पंचमी विभक्ति, द्विवचन
(d) तृतीया विभक्ति, बहुवचन
उत्तर : (a) सप्तमी विभक्ति, बहुवचन ।
11. (क) निम्नलिखित शब्द-युग्मों का सही अर्थ का चयन करके लिखिए:
(i) अविराम-अभिराम-
(a) लगातार और रुचिकर
(b) बिना रोक के और सुन्दर
(c) सुन्दर और आकर्षक
(d) आकर्षक और सुन्दर
उत्तर : (b) बिना रोक के और सुन्दर ।
(ii) स्वर्ण-सवर्ण-
(a) सोना और अच्छा रंग
(b) सुनार और सोना
(c) सोना और चाँदी
(d) सोना और उच्च जाति
उत्तर : (d) सोना और उच्च जाति ।
(ख) निम्नलिखित शब्दों में से किसी एक शब्द के दो सही अर्थ लिखिए: 1+1=2
(i) कर्ण
(iii) अर्क
(ii) काल
उत्तर :
(i) कर्ण – कान, सूर्यपुत्र
(ii) काल – समय, मृत्यु
(iii) अर्क – मदार, सूर्य
(ग) निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक ‘शब्द’ का सही चयन करके लिखिए :
(i) जो जीता न जा सके-
(a) अजेय
(b) अमर
(c) अजर
(d) अक्षय
उत्तर : (a) अजेय
(ii) रास्ता दिखाने वाला
(a) पथ प्रदर्शक
(b) ज्ञानी
(c) जानकार
(d) सर्वज्ञ
उत्तर : (a) पथ प्रदर्शक ।
(घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए: 1+1=2
(i) अनेकों लोगों ने गंगा में स्नान किया।
(ii) एक गिलास गर्म गाय का दूध दीजिए।
(iii) गौतम की पत्नी का नाम अहिल्या है।
(iv) मैं हस्ताक्षर कर दिया है।
उत्तर :
(i) अनेक लोगों ने गंगा स्नान किया।
(ii) गाय का एक गिलास गर्म दूध दीजिए।
(iii) गौतम की पत्नी का नाम अहल्या था।
(iv) मैंने हस्ताक्षर कर दिया है।
12.(क) ‘वीर’ रस अथवा ‘शृंगार’ रस का लक्षण सहित एक उदाहरण लिखिए। 1+1=2
उत्तर : वीर रस- जब युद्ध या किसी दुष्कर कार्य को करने के लिए मन में ‘उत्साह’ नामक स्थायी भाव परिपक्व अवस्था में प्रकट होता है, वहाँ वीर रस की निष्पत्ति होती है।
उदाहरण-
मैं सत्य कहता हूँ सखे सुकुमार मत जानो मुझे,
यमराज से भी युद्ध में प्रस्तुत सदा मानो मुझे,
है और कि तो बात क्या गर्व मैं करता नहीं,
मामा तथा निज तात से भी युद्ध में डरता नहीं।
(ख) ‘श्लेष’ अलंकार अथवा ‘उपमा’ अलंकार की परिभाषा लिखते हुए एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर : श्लेष अलंकार – एक शब्द में एक से अधिक अर्थ जुड़े हों अर्थात् जहाँ कोई शब्द एक ही बार प्रयुक्त हो किन्तु प्रसंग भेद में उसके अर्थ अलग-अलग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।
उदाहरण-
रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।
(ग) ‘दोहा’ छन्द अथवा ‘कुंडलिया’ छन्द का लक्षण और एक उदाहरण लिखिए।
कुण्डलिया : यह एक मात्रिक छन्द है जिसमें 6 चरण व 24 मात्राएँ होती हैं। प्रारंभ में एक दोहा और पश्चात् एक रोला जोड़ने से कुण्डलिया बन जाती है। जो शब्द अधिकांशतः इसके आदि में आता है, वही इसके अन्त में लगता है।
13. सफाई व्यवस्था हेतु उचित अधिकारी को एक पत्र लिखिए। 2+4
14. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर अपनी भाषा- शैली में निबन्ध लिखिए: 2+7
(क) भारतीय किसानों की समस्याएँ और समाधान
(ख) जीवन में खेल का महत्व
(ग) जीवन में पर्यावरण की आवश्यकता
(घ) नई शिक्षानीति से विकास की संभावनाएँ
(ड़) विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का महत्व |