यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय : प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय – प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय : प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय – प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

UP Board kaksha 12 Hindi professor G Sundar Reddy ka Jivan Parichay

इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने SKM STUDY CLASSES के माध्यम से यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय – प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय को बताया हैं, ये यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी जीवन परिचय बहुत महत्वपूर्ण हैं | इसमें मैंने प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख भी किया है आप इस कक्षा बारहवीं सामान्य हिंदी की लेखक के जीवन परिचय को तैयार कर लेते हैं 5 अंक आपको आसानी से मिल जाएगा |

प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय –

जन्म-तिथि  10 अप्रैल, सन 1919 ईस्वी |
जन्म-स्थान  आन्ध्र प्रदेश, बेल्लूर जनपद |
व्यक्तित्व  प्रभावशाली |
प्रारम्भिक शिक्षा  संस्कृत, तेलेगु |
लेखन विधा  हिंदी भाषा साहित्य, तेलेगु भाषा साहित्य |
भाषा  विषय और भाव के अनुरूप |
शैली  विवेचनात्मक, आलोचनात्मक |
प्रमुख रचनाएँ  साहित्य और समाज, मेरे विचार,दक्षिण की भाषाएँ और साहित्य |
मृत्यु-तिथि  30 मार्च, सन  2005 ईस्वी |

प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

प्रोफेसर रेड्डी का जन्म 10 अप्रैल, सन् 1919 ई0 को आन्ध्र प्रदेश के बेल्लूर जनपद के बत्तुलपल्लि नामक ग्राम में हुआ था। वे श्रेष्ठ विचारक, समालोचक एवं निबंधकार हैं। इनका व्यक्तित्व और कृतित्व अत्यन्त प्रभावशाली है। कई वर्षों तक ये आन्ध्र विश्व-विद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे हैं। ये वहाँ के स्नातकोत्तर अध्ययन एवं अनुसंधान विभाग के अध्यक्ष एवं प्रोफेसर भी रहे हैं। इनके निर्देशन में हिन्दी और तेलुगु साहित्य के विविध प्रश्नों के तुलनात्मक अध्ययन पर शोध कार्य भी हुआ है। इनका निधन 30 मार्च, सन् 2005 ई0 को हो गया।

अब तक रेड्डी जी के आठ ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं। जो निम्न हैं –
1. साहित्य और समाज,
2. मेरे विचार,
3. हिन्दी और तेलुगु : एक तुलनात्मक अध्ययन,
4. दक्षिण की भाषाएँ और उनका साहित्य,
5. वैचारिकी, शोध और बोध,
6. वेलुगु दारुल (तेलुगु),

प्रोफेसर जी सुन्दर रेड्डी की प्रमुख रचनाएं –

साहित्य और समाज, मेरे विचार,दक्षिण की भाषाएँ और साहित्य इत्यादि |

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