Up Board Class 12 Hindi Model Paper 2023 Pdf download | यूपी बोर्ड कक्षा 12 सामान्य हिंदी मॉडल पेपर 2023

Up Board Class 12 Hindi Model Paper 2023 Pdf download | यूपी बोर्ड कक्षा 12 सामान्य हिंदी मॉडल पेपर 2023

यूपी बोर्ड कक्षा 12 सामान्य हिंदी मॉडल पेपर 2023

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Up Board Class 12 Hindi Model Paper 2023

कक्षा  बारहवीं मॉडल पेपर 
विषय  सामान्य हिंदी 
समय  3 घंटे 15 मिनट 
पूर्णांक  100 

 

यूपी बोर्ड कक्षा 12 सामान्य हिंदी मॉडल पेपर 2023

अनुक्रमांक………………………                                                                                                        मुद्रित पृष्ठों की संख्या :
नाम ………………………
102                                                                                                                                     302 (DQ)
2023
सामान्य हिन्दी
समय : तीन घण्टे 15 मिनट ]                                                                                                                         [ पूर्णांक: 100
निर्देश:
i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
ii) इस प्रश्न पत्र के दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।

खण्ड क

1. क) वासुदेवशरण अग्रवाल की कृति है :
i) ‘मेरी असफलताएँ’
ii) ‘माताभूमि’
iii) ‘आधे-अधूरे’
iv) ‘आखिरी चट्टान
ख) निम्नलिखित में से हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचना नहीं है :
i) “हिन्दी साहित्य की भूमिका’
ii) ‘विचार और वितर्क
iii) ‘बिल्लेसुर बकरिहा’
iv) ‘साहित्य का मर्म
ग) निम्नलिखित में से प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी की रचना है :
i) ‘मेरे विचार’
ii) ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’
iii) ‘आलवाल ‘
iv) ‘मैंने सिल पहुँचायी’
घ) ‘अग्नि की उड़ान’ पुस्तक के रचनाकार हैं :
i) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
ii) पं. दीनदयाल उपाध्याय
iii) धर्मवीर भारती
iv) डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
ड) फणीश्वरनाथ रेणु’ की कृति ‘ठुमरी’ किस विधा पर आधारित है ?
i) यात्रा संस्मरण
ii) उपन्यास
iii) कहानी
iv) रिपोर्ताज
2. क) ‘रसकलश’ किसकी रचना है ?
i) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
ii) जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’
iii) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
iv) जयशंकर प्रसाद
ख) मैथिलीशरण गुप्त की महाकाव्यात्मक कृति है :
i) भारत-भारती’
ii) ‘जयद्रथ वध’
iii) ‘यशोधरा’
iv) ‘साकेत’
ग) निम्नलिखित में से जयशंकर प्रसाद की काव्यकृति
नहीं है:
i) ‘कानन कुसुम’
ii) ‘प्रेमपथिक’
iii) ‘चित्राधार’
iv) ‘इत्यलम्’
घ) सुमित्रानन्दन पन्त को ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’
किस कृति पर मिला था ?
i) ‘कला और बूढ़ा चाँद’
ii) लोकायतन’
iii) ‘चिदम्बरा’
iv) ‘स्वर्ण-किरण’
ड) निम्नलिखित में से सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन
का काव्य संकलन है :
i) ‘लहर’
ii) ‘उर्वशी’
iii) ‘गुंजन’
iv) ‘हरी घास पर क्षण भर
3. दिए गए गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : 5 x 2 = 10
भूमि का निर्माण देवों ने किया है, वह अनंत काल से है । उसके भौतिक रूप, सौन्दर्य और समृद्धि के प्रति सचेत होना हमारा आवश्यक कर्तव्य है। भूमि के पार्थिव स्वरूप के प्रति हम जितने अधिक जागरित होंगे उतनी ही हमारी राष्ट्रीयता बलवती हो सकेगी। यह पृथिवी सच्चे अर्थों में समस्त राष्ट्रीय विचारधाराओं की जननी है। जो राष्ट्रीयता पृथिवी के साथ नहीं जुड़ी वह निर्मूल होती है। राष्ट्रीयता की जड़ें पृथिवी में जितनी गहरी होंगी उतना ही राष्ट्रीय भावों का अंकुर पल्लवित होगा । इसलिए पृथिवी के भौतिक स्वरूप की आद्योपांत जानकारी प्राप्त करना, उसकी सुन्दरता, उपयोगिता और महिमा को पहचानना आवश्यक धर्म है ।
क) भूमि का निर्माण किसने किया है और वह कब से है ?
ख) यह पृथिवी सच्चे अर्थों में किसकी जननी है ?
ग) ‘पार्थिव’ और ‘आद्योपांत’ शब्दों का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
घ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए ।
अथवा
भगवान् बुद्ध ने मार-विजय के बाद वैरागियों की पलटन खड़ी की थी। असल में ‘मार’ मदन का भी नामांतर है। कैसा मधुर और मोहक साहित्य उन्होंने दिया। पर न जाने कब यक्षों के वज्रपाणि नामक देवता इस वैराग्यप्रवण धर्म में घुसे और बोधिसत्त्वों के शिरोमणि बन गये फिर वज्रयान का अपूर्व धर्म-मार्ग प्रचलित हुआ त्रिरत्नों में मदन देवता ने आसन पाया । वह एक अजीब आँधी थी। इसमें बौद्ध बह गये, शैव बह गये, शाक्त बह गये। उन दिनों ‘श्रीसुन्दरीसाधनतत्पराणां योगश्च भोगश्च करस्थ एव’ की महिमा प्रतिष्ठित हुई । काव्य और शिल्प के मोहक अशोक ने अभिचार में सहायता दी ।
क) भगवान् बुद्ध ने मार- विजय के बाद क्या किया ?
ख) बोधिसत्त्वों का शिरोमणि कौन बन गया ?
ग) ‘बोधिसत्त्व’ और ‘अभिसार’ शब्दों का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
घ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए ।
4. दिए गए पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 10 दीजिए: 5 x 2 = 10
मेरे प्यारे नव जलद से कंज से नेत्र वाले ।
जाके आये न मधुवन से औ न भेजा सँदेसा ।
मैं रो-रो के प्रिय-विरह से बावली हो रही हूँ ।
जा के मेरी सब दुःख-कथा श्याम को तू सुना दे ।।
ज्यों ही मेरा भवन तज तू अल्प आगे बढ़ेगी।
शोभावाली सुखद कितनी मंजु कुंजें मिलेंगी।
प्यारी छाया मृदुल स्वर से मोह लेंगी तुझे वे ।
तो भी मेरा दुःख लख वहाँ जा न विश्राम लेना ।।
क) संदेश प्रेषिका ने ‘नव जलद से कंज से नेत्र वाले शब्द किसके लिए प्रयोग किया है ?
ख) मधुवन जाकर किसने कोई सन्देश नहीं भेजा ?
ग) ‘बावली’ और ‘अल्प’ शब्दों का अर्थ लिखिए ।
घ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
ङ) उपर्युक्त पद्यांश सम्बन्धित कविता का शीर्षक तथा उसके रचयिता का नाम लिखिए।
अथवा
सुख भोग खोजने आते सब,
आये तुम करने सत्य खोज,
जग की मिट्टी के पुतले जन
तुम आत्मा के, मन के मनोज !
जड़ता, हिंसा, स्पर्धा में भर
चेतना, अहिंसा, नम्र ओज,
पशुता का पंकज बना दिया तु
मने मानवता का सरोज |
क) इस दुनिया में सब लोग क्या खोजने आते हैं ?
ख) ‘बापू’ ने ‘पशुता के पंकज’ को क्या बना दिया ?
ग) ‘स्पर्धा’ और ‘अहिंसा’ शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए
घ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
ङ) उपर्युक्त पद्यांश से सम्बन्धित कविता का शीर्षक तथा उसके रचयिता का नाम लिखिए ।
5. क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए : (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
3+2=5
i) वासुदेवशरण अग्रवाल
ii) डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी
iii) डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द) 3+2=5
i) मैथिलीशरण गुप्त
ii) महादेवी वर्मा
iii) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
6. ‘पंचलाइट’ अथवा ‘बहादुर’ कहानी का सारांश लिखिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
अथवा
‘ध्रुवयात्रा’ अथवा ‘बहादुर’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
7. स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्ड के एक प्रश्न का उत्तर दीजिए: (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
क) ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र चित्रण कीजिए ।
अथवा
‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘द्वितीय विश्वयुद्ध’ की कथावस्तु लिखिए ।
ख) ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘दुर्योधन’ का चरित्रांकन कीजिए ।
अथवा
‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य की कथावस्तु लिखिए ।
ग) ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के ‘पंचम सर्ग’ की कथा अपने शब्दों में लिखिए ।
अथवा
‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘कृष्ण’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।
घ) ‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘गाँधी जी’ का चरित्रांकन कीजिए ।
अथवा
‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य के ‘सप्तम सर्ग’ की कथावस्तु लिखिए ।
ङ) ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘राज्यश्री’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।
अथवा
‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के ‘पंचम सर्ग’ की कथा अपने शब्दों में लिखिए ।
च) ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘श्रवणकुमार’
का चरित्र चित्रण कीजिए
अथवा
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के ‘अयोध्या’ सर्ग की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए ।

खण्ड ख

8. क) दिए गए संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का ससंदर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए: 2+5=7
संस्कृतस्य साहित्यं सरसं, व्याकरणञ्च सुनिश्चितम् । तस्य गद्ये पद्येच लालित्यं, भावबोधसामर्थ्यम्,
अद्वितीय श्रुतिमाधुर्यञ्च वर्तते | किं बहुना
चरित्रनिर्माणार्थं यादृशीं सत्प्रेरणा संस्कृतवाङ्मयं ददाति
न तादृशीम् किञ्चिदन्यत् । मूलभूतानां मानवीयगुणानां यादृशी विवेचना संस्कृतसाहित्ये वर्तते नान्यत्र तादृशी । दया, दान, शौचम्, औदार्यम्, अनसूया, क्षमा, अन्ये चानैक गुणाः अस्य साहित्यस्य अनुशीलनेन सञ्जायते ।
अथवा
महामना विद्वान् वक्ता धार्मिको नेता, पटुः
पत्रकारश्चासीत् । परमस्य सर्वोच्चगुणः जनसेवैव
आसीत् । यत्र कुत्रापि अयं जनान् दुःखितान् पीड्यमानांश्चापश्यत् तत्रैव सः शीघ्रमेव उपस्थितः
सर्वविधं साहाय्याञ्च अकरोत् । प्राणिसेवा अस्य
स्वभाव एवासीत् । अद्यास्माकं मध्येऽनुपस्थितोऽपि महामना मालवीयः स्वयशसोऽमूर्तरूपेण प्रकाशं वितरन् अन्धे तमसि निमग्नान् जनान् सन्मार्गं दर्शयन् स्थाने
स्थाने जने जने उपस्थित एव ।
ख) दिए गए श्लोकों में से किसी एक का ससंदर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए :
न मे रोचते भद्रं वः उलूकस्याभिषेचनम् ।
अक्रुद्धस्य मुखं पश्य कथं क्रुद्धो भविष्यति ।
अथवा
न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि ।
व्यये कृते वर्द्धत एवं नित्यं
न चौरहार्यं न च राजहार्यं
विद्याधनं सर्वधनंप्रधानम् ॥
9. निम्नलिखित मुहावरों और लोकोक्तियों में से किसी एक का अर्थ लिखकर अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए:
1+1=2
क) अधजल गगरी छलकत जाय
ख) कलई खुलना
ग) पानी-पानी होना
घ) आम के आम गुठलियों के दाम
10. निम्नलिखित शब्दों के सन्धि-विच्छेद के सही विकल्प
का चयन कीजिए :
i) ‘कवीन्द्रः’ का सही सन्धि विच्छेद है :
अ) कवि + ईन्द्रः
ब) कवी + इन्द्रः
स) कवि + इन्द्रः
द) कवी + ईन्द्रः
ii) ‘देवेश:’ का सही सन्धि-विच्छेद है :
अ) देव + ईशः
ब) देवा + ईश:
स) देवे + शः
द) देवा + इश:
iii)’नाविकः’ का सही सन्धि-विच्छेद है:
अ) नाव + इकः
ब) नौ + विकः
स) नौ + ईकः
द) नौ + इकः
ख) दिए गए निम्नलिखित शब्दों की ‘विभक्ति’ और ‘वचन’ के अनुसार सही चयन कीजिए:
i) ‘आत्मनो:’ शब्द में विभक्ति और वचन है:
अ) षष्ठी विभक्ति, बहुवचन
ब) षष्ठी विभक्ति, द्विवचन
स) सप्तमी विभक्ति, बहुवचन
द) चतुर्थी विभक्ति एकवचन
ii) ‘नाम्ने’ शब्द में विभक्ति और वचन है :
अ) सप्तमी विभक्ति, एकवचन
ब) चतुर्थी विभक्ति एकवचन
स) तृतीया विभक्ति, बहुवचन
द) चतुर्थी विभक्ति, बहुवचन
11. क) निम्नलिखित शब्द-युग्मों का सही अर्थ चयन करके लिखिए :
i) अविराम – अभिराम
अ) रुककर और सुन्दर
ब) लगातार और कुरूप
स) लगातार और सुन्दर
द) लेटकर और भद्दा
ii) जलद – जलधि
अ) बादल और समुद्र
ब) पानी और समुद्र
स) इन्द्र और पर्वत
द) जल और पर्वत
ख) निम्नलिखित शब्दों में से किसी एक शब्द के दो अर्थ लिखिए : 1+1=2
i) दल
ii) मित्र
iii) दाम
ग) निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द का चयन करके लिखिए :
i) जो ईश्वर में विश्वास करता है:
अ) अकृतज्ञ
ब) कृतज्ञ
स) आस्तिक
द) नास्तिक
ii) जो गलत कार्य के लिए हठ करे :
अ) दुराग्रह
ब) दुराग्रही
स) सदाग्रही
द) सत्याग्रही
घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए : 1+1=2
i) यह पद्यांश नौकाविहार कविता से संग्रहीत है।
ii) क्या मेरा तौलिया सूख गया ?
iii) तुम मेरे से मत बोलो ।
iv) निरपराधी को दण्ड नहीं देना चाहिए ।
12. क) ‘वीर’ अथवा ‘करुण रस का लक्षण और एक उदाहरण लिखिए । 1+1=2
ख) ‘श्लेष’ अथवा ‘उत्प्रेक्षा अलंकार का लक्षण और
उदाहरण लिखिए । 1+1=2
ग) ‘दोहा’ अथवा ‘कुंडलियाँ छन्द का लक्षण और उदाहरण लिखिए। 1+1=2
13. कृषि यंत्रों की दुकान खोलने के लिए किसी बैंक के शाखा प्रबंधक को एक आवेदन पत्र लिखिए, जिसमें ऋण की माँग की गयी हो | 6
अथवा
नैत्यिक लिपिक के पद पर अपनी नियुक्ति के लिए किसी विद्यालय के प्रबन्धक को एक आवेदन-पत्र लिखिए ।
14. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए :
क) किसान-जीवन की त्रासदी
ख) मुंशी प्रेमचन्द का कथा साहित्य में योगदान
ग) विज्ञान वरदान या अभिशाप
घ) राष्ट्रीय एकता : आज की अनिवार्य आवश्यकता
ङ) विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व

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