यूपी बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान महत्वपूर्ण प्रश्न | Up Board Class 12th Chemistry important ati laghu uttariy prashna | 12th Chemistry important Question pdf free download

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यूपी बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अतिलघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1. उपसहसंयोजन यौगिकों में ध्रुवण समावयवता को उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर – ऐसे यौगिक जिनके भौतिक व रासायनिक गुण समान होते हैं परन्तु जिनका व्यवहार ध्रुवित प्रकाश के प्रति भिन्न होता है प्रकाशिक समावयवी कहलाते हैं तथा इस घटना को प्रकाशिक समावयवता कहते हैं। समावयवी जो कि ध्रुवित प्रकाश के तल को दायीं ओर (घड़ी की दिशा) में घुमाते हैं, दक्षिण ध्रुवण घूर्णक या d-रूप तथा जो ध्रुवित प्रकाश के तल को बायीं ओर (घड़ी की दिशा के विपरीत) दिशा में घुमाते हैं, बाएँ या वाम ध्रुवण घूर्णक कहलाते हैं।
प्रश्न 2. अक्रिय गैसों में सबसे अधिक यौगिक बनाने वाली अर्थात् सबसे अधिक क्रियाशील गैस का नाम एवं इसके कोई भी दो यौगिकों के सूत्र लिखिए।
उत्तर– जीनॉन। यौगिक : जीनॉन डाइफ्लुओराइड (XeF2); जीनॉन टेट्राफ्लुओराइड (XeF4)
प्रश्न 3. रेडॉन की खोज किसने की? इसका किस रोग के उपचार में उपयोग किया जाता है?
उत्तर – रेडॉन (Rn) की खोज डॉर्न ने की थी। इसका प्रयोग कैंसर के उपचार में किया जाता है।
प्रश्न 4 क्लीवाइट खनिज में कौन-सी अक्रिय गैस पाई जाती है? इस गैस का एक उपयोग लिखिए।
उत्तर– क्लीवाइट खनिज में हीलियम गैस पाई जाती है। यह गैस वायुयानके टायरों में भरी जाती है।
प्रश्न 5. द्रव-स्नेही तथा द्रव-विरोधी कोलॉइडों में कौन अधिक स्थायी है? दोनों के एक-एक उदाहरण दीजिए। (2015)
उत्तर– द्रव-स्नेही कोलॉइड अधिक स्थायी होते हैं। द्रव-स्नेही कोलॉइड के उदाहरण-गोद, जिलेटिन आदि है तथा द्रव-विरोधी कोलॉइड फेरिक हाइड्रॉक्साइड Fe (OH)3, सॉल आदि हैं।
प्रश्न 6. द्रव स्नेही सॉल, द्रव विरोधी सॉल से अधिक स्थायी क्यों होते हैं? समझाइए।
उत्तर – द्रव स्नेही सॉल में परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के अणुओं के मध्य आकर्षण, द्रव विरोधी सॉल की अपेक्षा बहुत अधिक होता है इसलिए द्रव स्नेही सॉल, द्रव विरोधी सॉल की तुलना में अधिक स्थायी होते हैं।
प्रश्न 7. ठोस ऐरोसॉल क्या है? एक उदाहरण दीजिए।
(2011)
उत्तर– जब परिक्षिप्त अवस्था ठोस तथा परिक्षेपण माध्यम गैस होता है तो उस कोलॉइडी विलयन को ठोस ऐरोसॉल कहते हैं; जैसे-धुआँ, ज्वालामुखी का लावा आदि।
प्रश्न 8. कोलॉइडी अवस्था में औषधियाँ अधिक प्रभावी क्यों होती है? समझाइए।(2011)
उत्तर – कोलॉइडी अवस्था में औषधियाँ अधिक प्रभावी इसलिए होती हैं, क्योंकि इस अवस्था में औषधियों का अवशोषण अधिक सुगमता से होता है।
प्रश्न 9. धुएँ में परिक्षिप्त प्रावस्था एवं परिक्षेपण माध्यम लिखिए।
उत्तर – परिक्षिप्त प्रावस्था ठोस, परिक्षेपण माध्यम गैस।
प्रश्न 10. कार्बोहाइड्रेट को परिभाषित कीजिए। (NCERT, 2016,17,20) कार्बोहाइड्रेट क्या होते है?
उत्तर– कार्बोहाइड्रेट ध्रुवण घूर्णक पॉलीहाइड्रॉक्सी ऐल्डिहाइड या कीटोन होते हैं या वे पदार्थ होते हैं जो जल-अपघटित होकर मोनोसैकेराइड के कई अणु देते हैं।
प्रश्न 11. शर्कराएँ एवं अशर्कराएँ क्या हैं? इनके भौतिक गुण तथा प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर– शर्कराएँ–वे कार्बोहाइड्रेट जो स्वाद में मीठे तथा जल मे विलेय होते हैं, शर्कराएँ (sugars) कहलाते हैं। शर्कराएँ सामान्यतः क्रिस्टलीय होती हैं। सभी मोनोसैकेराइड तथा ऑलिगोसैकेराइड स्वाद में मीठे होते हैं। अतः मोनोसैकेराइड तथा ऑलिगोसैकेराइड सामान्यतः शर्कराएँ कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-ग्लूकोस, फ्रक्टोस, लैक्टोस आदि। अशर्कराएँ — स्वादरहित पॉलिसैकेराइड जो जल में अविलेय होते हैं, अशर्कराएँ (non-sugars) कहलाते हैं। अशर्कराएँ सामान्यतः अक्रिस्टलीय होती हैं। उदाहरणार्थ-स्टार्च, सेलुलोस आदि।
प्रश्न 12. उदाहरण देते हुए समझाइए कि ईथर लूइस-बेस के समान व्यवहार करता है और अम्लों के साथ क्रिया करके ऑक्सोनियम लवण बनाता है।
उत्तर– ईथर अणु में ऑक्सीकरण परमाणु पर दो एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म उपस्थित होते हैं जिसके कारण यह प्रबल अम्लों के प्रति क्षारक जैसा व्यवहार प्रदर्शित करता है। ईथर (C2H5–0–C2H5) सान्द्र H2SO4 के साथ ऑक्सोनियम लवण बनाता
(C2H5) 20 + H2SO4 → [(C2H5)2OH] + [HSO4] T डाइ एथिल ऑक्सोनियम हाइड्रोजन सल्फेट
प्रश्न 13. एथिल ऐमीन क्षारीय प्रकृति प्रदर्शित करती है। क्यों? स्पष्टकीजिए।
उत्तर– नाइट्रोजन परमाणु पर एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म की उपस्थिति के कारण एथिल ऐमीन अन्य एमीनों की तरह क्षारीय प्रकृति प्रदर्शित करती है। यह एक दुर्बल एकाकी क्षारक का व्यवहार प्रदर्शित करती है।
प्रश्न 14. सीरियम (परमाणु क्रमांक 58) की +3 एवं +4 ऑक्सीकरण अवस्थाएँ स्थायी क्यों होती हैं?
उत्तर – इसका कारण यह है कि +3 एवं +4 आयनों की आयनन ऊर्जा एवं जालक ऊर्जा का योग अधिक ऋणात्मक होता है।
प्रश्न 15. लैन्थेनॉयड तत्त्वों के दो उदाहरण दीजिए। इनके दो उपयोग लिखिए।
उत्तर– सीरियम (Ce), यूरोपियम (Eu), टर्बियम (Tb)
उपयोग- (i) सीरियम (Ce) ताप तथा पराबैंगनी प्रकाश दोनों का अवशोषण करता है। अतः इसका उपयोग चश्मे बनाने में किया जाता है।
(ii) पेट्रोलियम पदार्थों के भंजन के लिए सीरियम फॉस्फेट का उपयोग किया जाता है।
(iii) गैस मेन्टल बनाने और ग्लास पॉलिश करने में सीरिया (CeC2 ) का उपयोग होता है।

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