यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : वासुदेवशरण अग्रवाल का जीवन परिचय – वासुदेवशरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय – वासुदेवशरण अग्रवाल का जीवन परिचय – वासुदेवशरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय - वासुदेवशरण अग्रवाल का जीवन परिचय - वासुदेवशरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने SKM STUDY CLASSES के माध्यम से यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचयवासुदेवशरण अग्रवाल का जीवन परिचय को बताया हैं, ये यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी जीवन परिचय बहुत महत्वपूर्ण हैं | इसमें मैंने वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं  का उल्लेख भी किया है आप इस कक्षा बारहवीं सामान्य हिंदी की लेखक के जीवन परिचय को तैयार कर लेते हैं 5 अंकों का बोर्ड परीक्षा में आप आसानी से पा जाएंगे |

वासुदेवशरण अग्रवाल का जीवन परिचय – 

1. जन्म  7 अगस्त, 1904 ईस्वी | 
2. जन्म स्थान  मेरठ, उत्तर प्रदेश |
3. उपाधि  पी एच डी, डी लिट् |
4. भाषा  अंग्रेजी, पालि व संस्कृत |
5. शैली  विचारात्मक, व्याख्यात्मक |
6. प्रमुख रचनाएँ  भारत की एकता, कला और संस्कृति, वाग्धारा, कल्पवृक्ष, माताभूमि |
7. मृत्यु  27 जुलाई 1967 ईस्वी |
8. साहित्य में स्थान  निबंधकार, टीकाकार, और साहित्यिक ग्रंथों के कुशल संपादक के रूप में ख्याति |

वासुदेवशरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं – 

प्रसिद्ध साहित्यकार वासुदेवशरण अग्रवाल का जन्म खेड़ा ग्राम, जिला मेरठ, उत्तर प्रदेश में सन् 1904 ई० में हुआ था। इनके माता-पिता लखनऊ में रहते थे, वहीं इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की । इन्होंने स्नातक की परीक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पास की तथा लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर, पी.एच.डी. तथा डी.लिट् की उपाधि प्राप्त की। ये लखनऊ स्थित पुरातत्व संग्रहालय में निरीक्षक के पद पर कार्यरत रहे। दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय के अध्यक्ष पद को भी इन्होंने सुशोभित किया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भारतीय महाविद्यालय में ‘पुरातत्व एवं प्राचीन इतिहास विभाग’ के अध्यक्ष तथा कुछ समय आचार्य पद को भी इन्होंने सुशोभित किया। इन्होंने अंग्रेजी, पालि व संस्कृत भाषाओं का गहन अध्ययन किया। पालि, प्राकृत, संस्कृत व हिन्दी के कई ग्रन्थों का सम्पादन एवं पाठ शोधन भी किया। इनके द्वारा की गई मलिक मुहम्मद जायसी के ‘पदमावत्’ की टीका सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इन्होंने अपने प्रमुख विषय ‘पुरातत्व’ से सम्बन्धित ज्ञान को अपने निबन्धों के माध्यम से अभिव्यक्ति दी। यह महान् व्यक्तित्व सन् 1967 ई० में सदा के लिए इस नश्वर संसार से विदा हो गया।

वासुदेवशरण अग्रवाल की प्रमुख कृतियाँ –

डॉ० अग्रवाल ने निबंध रचना, शोध, अनुवाद, सम्पादन और सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया है।

डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल की प्रमुख रचनाएँ हैं – 

निबन्ध संग्रह – भारत की एकता, कला और संस्कृति, वाग्धारा, कल्पवृक्ष, पृथ्वीपृत्र, मातृभूमि, कल्पलता ।
सम्पादन – पोद्दार, अभिनन्दन ग्रन्थ ।
अनुवाद – हिन्दू सभ्यता ।
शोध – पाणिनीकालीन भारत।
सांस्कृतिक अध्ययन – बाणभट्ट के हर्षचरित का सांस्कृतिक अध्ययन, भारत की मौलिक एकता।
समीक्षा – कालिदास के ‘मेघदूत’ तथा मलिक मुहम्मद जायसी के ‘पद्मावत् ‘ की समीक्षा |

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