यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : जैनेन्द्र कुमार का जीवन परिचय – जैनेन्द्र कुमार का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : जैनेन्द्र कुमार का जीवन परिचय – जैनेन्द्र कुमार का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : जैनेन्द्र कुमार का जीवन परिचय - जैनेन्द्र कुमार का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने SKM STUDY CLASSES के माध्यम से यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय – जैनेन्द्र कुमार का जीवन परिचय को बताया हैं, ये यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी जीवन परिचय बहुत महत्वपूर्ण हैं | इसमें मैंने जैनेन्द्र कुमार का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख भी किया है आप इस कक्षा बारहवीं सामान्य हिंदी की लेखक के जीवन परिचय को तैयार कर लेते हैं 5 अंकों का बोर्ड परीक्षा में आप आसानी से पा जाएंगे |

जैनेन्द्र कुमार का जीवन परिचय –

1. जन्म  2 जनवरी, 1905 ईस्वी |
2. जन्म स्थान  अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
3. प्रारम्भिक शिक्षा  हस्तिनापुर |
4. लेखन विधा  गद्य साहित्य |
5. भाषा  सीधी-सादी, सरल एवं सुबोध |
6. शैली  विचारात्मक, वर्णात्मक |
7. प्रमुख रचनाएँ  पूर्वोदय, परख, सुनीता |
8. मृत्यु  24 दिसम्बर, सन 1988 ईस्वी |
9. साहित्य में स्थान  उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार |

जैनेन्द्र कुमार का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं – 

सुप्रसिद्ध साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार का जन्म 2 जनवरी सन् 1905 ई० को कौड़ियागंज, अलीगढ़ में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री प्यारे लाल तथा माता का नाम श्रीमती रमादेवी था। बचपन में ही ये पिता की छत्रछाया से वंचित हो गए थे। इनकी माता तथा नाना के संरक्षण में इनका बाल्यकाल व्यतीत हुआ। इनका मूल नाम आनन्दी लाल था हस्तिनापुर के जैन गुरुकुल ‘ऋषि ब्रह्मचर्याश्रम’ से इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की। पंजाब से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन्होंने उच्च शिक्षा के लिए ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ में प्रवेश लिया। सन् 1921 ई० में महात्मा गाँधी द्वारा चलाए गए असहयोग आन्दोलन में इनका सकारात्मक योगदान रहा और इसी कारण इनका शिक्षा का क्रम टूट गया। इन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से साहित्य की विविध विधाओं के क्षेत्र की श्रीवृद्धि की, लेकिन कहानीकार व उपन्यासकार के रूप में इनको विशेष प्रसिद्धि प्राप्त हुई । गाँधी जी से प्रभावित होने के कारण ये अहिंसावादी व गाँधीवादी दर्शन के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं। इन्होंने कुछ राजनीतिक पत्रिकाओं का भी सम्पादन किया; जिस कारण इनको जेल भी जाना पड़ा। जेल में ही स्वाध्याय करते हुए ये साहित्य-सृजन में संलग्न रहे। 24 दिसम्बर सन् 1988 ई० को माँ सरस्वती का यह महान् सुपुत्र इस संसार से विदा हो गया।

जैनेद्र कुमार के प्रमुख रचनाएं –

निबन्ध – सोच विचार, जड़ की बात, प्रस्तुत प्रश्न, पूर्वोदय, साहित्य का श्रेय और प्रेम, मन्थन, परिवार, काम-क्रोध, विचार वल्लरी, साहित्य-संचय ।
कहानी – ‘खेल’ (सन् 1928 ई० में ‘विशाल भारत’ में प्रकाशित पहली कहानी)। फाँसी, नीलम देश की राजकन्या, जयसन्धि, एक रात, वातायन, दो चिड़ियाँ, पाजेब, ध्रुवयात्रा, जाह्नवी, अपना-अपना भाग्य, ग्रामोफोन का रिकॉर्ड, पान वाला, मास्टर साहब, पत्नी ।
उपन्यास – सुखदा, जहाज का पंछी, त्यागपत्र, व्यतीत, सुनीता, कल्याणी, विवर्त, परख, मुक्तिबोध, जयवर्धन ।
संस्मरण – ये और वे ।
अनुवाद – पाप और प्रकाश (नाटक), मन्दाकिनी (नाटक), प्रेम में भगवान (कहानी संग्रह)।
इनके प्रथम उपन्यास ‘परख’ पर साहित्य अकादमी द्वारा ‘पाँच सौ रुपये’ के पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया

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