यूपी बोर्ड 2023 की कॉपी लिखते समय परीक्षार्थी इन बातों का रखें ध्यान – एग्जामिनर इसी को देख कर देते हैं अच्छा नंबर, इसे पूरा पढ़े
इस पोस्ट इस पोस्ट के माध्यम से मैंने यह बताया है कि आप अपने यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपी लिखते समय किन किन सावधानियों को ध्यान में रखना है ताकि एग्जामिनर बोर्ड की कॉपी चेक करते समय आपको अच्छा नंबर दे और आप अपने बोर्ड परीक्षा में सबसे अच्छा नंबर पाएं |
कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र बोर्ड परीक्षा देने से पहले उनको नीचे दिए गए बातों पर विशेष ध्यान देना है ताकि वह अपने बोर्ड परीक्षा की कॉपी में ऐसी कोई गलती ना करें ताकि वह कम नंबर पाए और नीचे बताए गए बातों पर विशेष ध्यान दें और आप इन गलतियों को भूल कर भी मत करना |
यूपी बोर्ड की कॉपी लिखते समय सावधानियां –
- सबसे पहले बोर्ड कॉपी के पीछे लिखे instructions जरुर पढ़ें |
- आप 786, ॐ, † और अपने इष्ट (देवी देवता) का नाम इत्यादि धार्मिक चिन्ह का प्रयोग बिलकुल न करें |
- लाइन छोड़-छोड़कर बिल्कुल भी न लिखें |
- प्रत्येक पेज पर अपना रोल नम्बर अवश्य लिखें (परन्तु कॉपी में लिखे निर्देश पालन जरुर करें)
- किसी पेज पर नाम न लिखें (लेटर एप्लीकेशन लिखते समय भी नहीं लिखना हैं)
- प्रश्न का उत्तर न आने पर अभद्र भाषा का प्रयोग न करें
- परीक्षक से अंक देने के लिए प्रार्थना न करें (लिखकर)
- कॉपी के अन्दर पैसे न रखें नहीं तो लेने के देने पड़ सकते हैं|
- रोल नम्बर अंको में शब्दों में सही लिखें, पेपर से पहले अभ्यास कर लें |
- कॉपी भरने की कोशिश में गलत चीजें न लिखें|
- यदि किसी शब्द में गलती हो तो एक लाइन में काट दें, उसे रिपीट न करें|
- अपने बोर्ड की उत्तर पुस्तिका सजाएँ नहीं |
- प्रश्न का उत्तर न आने पर बिलकुल घबराएँ नहीं बल्कि उसे छोडो और आगे बढ़ो, न आने वाले प्रश्नों का उत्तर अंत में लिखो |
- कॉपी में ऐसे पेन का प्रयोग करें जो की साफ चले, गन्दगी न करे |
- टाइम मैनेजमेंट का ध्यान जरुर रखें |
- सभी प्रश्नों को हल करने की कोशिश जरुर करें |
- अपने रोल नम्बर अंको में शब्दों में सही लिखें, पूर्वाभ्यास करें|
- बोर्ड कॉपी के पीछे लिखे निर्देश समय रहते जल्दी से पढ़ें –
यूपी बोर्ड कॉपी के उत्तर-पुस्तिका पर अंकित निर्देश
- उत्तर पुस्तिका के आवरण पृष्ठ पर जिसे परीक्षार्थी प्रयोग कर रहा है, उस पर परीक्षार्थी अपना अनुक्रमांक ,विषय , प्रश्न-पत्र एवं संकेतांक आदि विवरण स्वयं की हस्तलिपि में लिखना अनिवार्य है। परीक्षार्थी को यह कार्य प्रतिदिन परीक्षा के समय सर्वप्रथम करना चाहिए परंतु आवरण पृष्ठ अथवा उत्तर पुस्तिका के भीतर किसी स्थान पर परीक्षार्थी द्वारा अपना नाम किसी भी अवस्था में नहीं लिखना है।
- आवरण पृष्ठ की प्रविष्टियां भरने के अतिरिक्त परीक्षार्थी को अपनी उत्तर पुस्तिका में प्रश्न पत्र वितरण के पहले कुछ भी नहीं लिखना हैं।
- परीक्षार्थियों को चाहिए कि वह प्रत्येक पंक्ति पर लिखें तथा अनावश्यक कागज नष्ट न करें।
- परीक्षार्थियों को चाहिए कि वे उत्तर पुस्तिका के पन्नों के दोनों तरफ लिखें रफ कार्य कवर पृष्ठ के पीछे अथवा किसी अन्य बाएं पृष्ठ पर की जा सकती हैं, जिस पर रफकार्य लिखकर काट दिया जाए और अन्य किसी प्रकार की कोई अवैध सामग्री लाने व उसके प्रयोग करने की अनुमति नहीं है।
- उत्तर-पुस्तिका से कोई भी पन्ना नहीं फ़ाड़ना चाहिए।
- पहली उत्तर-पुस्तिका भर जाने के बाद ही दूसरी उत्तर-पुस्तिका की मांग की जाए।
- प्रश्नों के अनुसार ही उत्तरों की संख्या भी दी जाए यदि एक प्रश्न का उत्तर (संपूर्ण खण्डों सहित) यदि समाप्त हो जाए तो नवीन प्रश्न का उत्तर अगले पृष्ठ से ही आरंभ करना चाहिए।
- परीक्षार्थियों को प्रतिदिन परीक्षा भवन में प्रश्न पत्र बंटने के पूर्व ही वह अपने डेस्क तथा अपनी तलाशी स्वयं ले लें। क्यों की परीक्षा अवधि में जो परीक्षार्थी नकल करते अथवा बात करते पकड़े जाएंगे या परीक्षा भवन में कागज या पुस्तक अपने साथ लाएंगे उनके विरुद्ध नियम के अंतर्गत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी और परिषद के निर्णय अनुसार उनको दंड दिया जाएगा, चाहे उस कागज या पुस्तक का परीक्षा विषय से संबंध हो अथवा नहीं ।
- परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में प्रवेश पत्र व रजिस्ट्रेशन कार्ड के अतिरिक्त किसी प्रकार का कोई भी कागज लाने की अनुमति नहीं है।
- परीक्षार्थी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से नकल करने के लिए अथवा अंक प्राप्त करने के लिए कक्ष निरीक्षक या परीक्षक के ऊपर किसी प्रकार का कोई भी दबाव डालने प्रयत्न करेगा तो परीक्षार्थियों के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी तथा परिषद के निर्णय अनुसार उसके दंड दिया जाएगा।
- परीक्षार्थी द्वारा उत्तर-पुस्तिका के अंतिम लिखित पृष्ठ के नीचे अपना अनुक्रमांक अंकों में और शब्दों में अवश्य लिखना हैं।
- परीक्षार्थियों अपने उत्तर-पुस्तिका में प्रश्नों के हल के अतिरिक्त अन्य कुछ भी न लिखे, अन्यथा की स्थिति में अनुशासनहीनता मानते हुए उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
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