बहादुर की कहानी का सारांश | Bahadur Kahani Ka Saransh | Class 12 Hindi Up Board

बहादुर की कहानी का सारांश | Bahadur Kahani Ka Saransh | Class 12 Hindi Up Board

इस पोस्ट पर मैंने 12th Hindi के Important Question को बताया है | बहादुर की कहानी का सारांश लिखने के लिए हर साल Up Board Exam में पूछ लिया जाता है | यदि आप बहादुर की कहानी का सारांश तैयार कर लेते हैं तो आप अपने Class 12th Hindi Paper में सबसे अच्छा नंबर किसको कर सकेंगे

बहादुर कहानी का सारांश –

(2011,2012,2013,2014,2015,2016,2017,2018,2019,2020,2022)
बहादुर की कहानी अमरकांत जी द्वारा लिखित कहानी बहादुर एक मध्यम वर्गीय परिवार में नौकर के साथ परिवार जनों द्वारा किए गए अत्यंत कटु व्यवहार की कहानी है | जिसमें लेखक ने स्वयं को कहानी का पात्र बनाते हुए कहानी की आत्मकथात्मक रूप में रचना की है | अपने से संपन्न रिश्तेदारों के घर नौकर द्वारा जुटाई सुविधा और शान को देखकर लेखक की पत्नी निर्मला स्वयं भी एक नौकर रखना चाहती है | बहादुर नेपाल का 12 से 13 साल का छोटा लड़का है जो कि नाबालिक है और वह अपने मां के गलत व्यवहार से तंग आकर घर छोड़ कर शहर चला आता है और निर्मला के परिवार में नौकर के रूप में रख लिया जाता है निर्मला और उसका परिवार बहादुर के प्रति पहले तो अच्छा सा व्यवहार करते हैं परंतु बाद में धीरे धीरे उसके साथ कठोरता बरतने लगती है | और उससे घर का सारा काम करवाते हैं इसके साथ ही उसे गाली गलौज तथा उससे मारपीट करते थे और झूठी चोरी का इल्जाम लगाकर उसे अपमानित भी किया जाता है और मारा-पीटा जाता है अंततः बहादुर घर छोड़ कर चला जाता है अब परिवार के सभी सदस्य उसे ढूंढते हैं क्योंकि उसके बिना कोई काम नहीं होता था क्योंकि घर के सभी लोग आराम के आदी हो चुकी है बहादुर की उपयोगिता देखकर सभी अब अपना घरेलू कार्य करने से घबराते हैं बहादुर के घर छोड़ जाने पर वे सभी पश्चाताप करते हैं और अच्छा व्यवहार करने को सोचते हैं परंतु एक कविता कही गई है कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत अर्थात अब पछताने का कोई लाभ नहीं क्योंकि बहादुर जा चुका था और  बहादुर में सहनशीलता और स्वाभिमान की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है और उसके इसी चरित्र के कारण यह कहानी बहुत प्रिय है |

Bahadur Kahani Ka Saransh

 

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