यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी जैनेंद्र कुमार का साहित्यिक परिचय – Jainendra Kumar ka Sahityik Parichay
जैनेन्द्र कुमार का जीवन परिचय –
जैनेन्द्र कुमार का जन्म सन् 1905 ई . में अलीगढ़ जिले के कौड़ियागंज नामक कस्बे में हुआ था । बचपन में ही इनके पिता का देहान्त हो गया था अतः इनका पालन – पोषण माता तथा नाना के द्वारा किया गया था । बचपन में इनका नाम आनन्दीलाल था , लेकिन इसे इन्होंने बदल कर जैनेन्द्र कुमार रख लिया था । हस्तिनापुर के जैन गुरुकुल ‘ ऋषि ब्रह्मचर्याश्रम ‘ से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करके , पंजाब से हाईस्कूल करके इन्होंने काशी विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया । लेकिन सन् 1921 ई . के असहयोग आन्दोलन में भाग लेने के कारण शिक्षा का क्रम टूट गया । फिर स्वाध्याय से ही हिन्दी का गहन ज्ञान प्राप्त कर लिया । आन्दोलनों में भाग लेने के कारण कई बार इन्हें जेल भी जाना पड़ा । सन् 1988 ई . में इनका देहावसान हो गया ।
जैनेन्द्र कुमार का साहित्यिक परिचय-
इनकी पहली कहानी ‘ खेल ‘ सन् 1928 ई . में ‘ विशाल – भारत ‘ में छपी थी । इनकी रचनाओं में दार्शनिक ” रूप स्पष्टतः परिलक्षित होता है । इनकी रचनाओं में पात्रों का अन्तःमन और बाह्य रूप दिखाई देता है । इनके साहित्य में हमें मानव जीवन के वर्तमान समय के प्रश्नों के साथ – साथ उसकी शाश्वत समस्याओं का समाधान भी मिलता है । इनके प्रथम उपन्यास ‘ परख ‘ पर साहित्य अकादमी का पुरस्कार प्रदान किया गया था | इन्होंने अपनी रचनाओं में कला , दर्शन , मनोविज्ञान , समाज , राष्ट्र , मानवता आदि विषयों पर लेखनी चलाई है । हिन्दी के इस महान साधक का देहावसान 24 दिसम्बर ‘ 1988 ई . को हुआ ।
जैनेन्द्र कुमार की प्रमुख कृतियां –
उपन्यास–
- सुनीता ,
- त्यागपत्र ,
- परख ,
- विवर्त ,
- सुखदा ,
- कल्याणी ,
- जयवर्धन ,
- व्यतीत ,
- मुक्तिबोध ।
कहानी संकलन –
- फांसी ,
- जयसन्धि ,
- वातायन ,
- नीलम देश की राजकन्या ,
- दो चिड़ियां ,
- पाजेब
- रात |
निबन्ध संग्रह –
- पूर्वोदय ,
- गांधी नीति ,
- मंथन ,
- साहित्य का श्रेय और प्रेय ,
- सोच – विचार ,
- काम – प्रेम और परिवार ,
- प्रस्तुत प्रश्न ,
- जड़ की बात |
- एक|
संस्मरण –
- ये और वे ।
अनुवाद –
- मन्दाकिनी ( नाटक ) ,
- पाप और प्रकाश ( नाटक ) ,
- प्रेम में भगवान ( कहानियां ) ।