यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन परिचय – पंडित दीनदयाल उपाध्याय का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन परिचय – पंडित दीनदयाल उपाध्याय का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन परिचय - पंडित दीनदयाल उपाध्याय का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने SKM STUDY CLASSES के माध्यम से यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय – पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन परिचय को बताया हैं, ये यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी जीवन परिचय बहुत महत्वपूर्ण हैं | इसमें मैंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख भी किया है आप इस कक्षा बारहवीं सामान्य हिंदी की लेखक के जीवन परिचय को तैयार कर लेते हैं 5 अंकों का बोर्ड परीक्षा में आप आसानी से पा जाएंगे |

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन परिचय –

1. जन्म  25 सितम्बर, 1916 ईसवीं |
2. जन्म-स्थान  नगला चंद्रभान, मथुरा |
3. पिता का नाम  भगवती प्रसाद उपाध्याय |
4. माता का नाम  रामप्यारी |
5. संपादन  स्वदेश,
6. लेखन विधा  निबंध, उपन्यास, काव्य |
7. भाषा  आम बोलचाल की भाषा |
8. शैली  विचारात्मक, आलोचनात्मक |
9. प्रमुख रचनाएँ  सम्राट चंद्रगुप्त, जगतगुरु शंकराचार्य, अखंड भारत क्यों?, राष्ट्रीय जीवनी की समस्याएं, राष्ट्र चिंतन, राष्ट्र जीवन की दिशा |
10. मृत्यु  11 फरवरी, 1968 ईस्वी |

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 ईस्वी में उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले के नगला चंद्रभान ग्राम में हुआ था | पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय था और इनकी माता का नाम प्यारी था | इनके पिता जी का आकस्मिक मृत्यु हो गई जिसके बाद यह जयपुर में अपने नाना के साथ रहने लगे और पंडित दीनदयाल साहित्य सेवा करते हुए 11 फरवरी 1968 ईस्वी में इनकी निधन हो गई |
दीनदयाल उपाध्याय अपने जीवन के प्रारंभिक वर्षों से ही समाज सेवा के प्रति पूर्णतया समर्पित थे | वर्ष 1937 में अपने कॉलेज के दिनों में कानपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा सन 1951 ईस्वी में स्थापित किए गए भारतीय जनसंघ का इन्हें प्रथम महासचिव नियुक्त किया गया | यह सन 1967 ईस्वी तक महासचिव बनी रहे | पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक चर्चित पत्रकार भी थे | साथ ही उपाध्याय के अंदर की पत्रकारिता तब प्रगट हुई जब उन्होंने लखनऊ से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका राष्ट्रधर्म में वर्ष 1940 के दशक में कार्य किया इन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकाल के दौरान एक सप्ताहिक समाचार पत्र ‘ पाच्यजन्य’ और एक दैनिक समाचार पत्र ‘ स्वदेश’ का संपादन भी किया था और इन्होने नाटक ‘ चंद्रगुप्त मौर्य’ और हिंदी में ‘शंकराचार्य’ की जीवनी लिखी थी |

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रमुख रचनाएं –

सम्राट चंद्रगुप्त, जगतगुरु शंकराचार्य, अखंड भारत क्यों?, राष्ट्रीय जीवनी की समस्याएं, राष्ट्र चिंतन, राष्ट्र जीवन की दिशा |

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