यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय – आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय – आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय : आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय - आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं

इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने SKM STUDY CLASSES के माध्यम से यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी लेखक का जीवन परिचय आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय को बताया हैं, ये यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी जीवन परिचय बहुत महत्वपूर्ण हैं | इसमें मैंने आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख भी किया है आप इस कक्षा बारहवीं सामान्य हिंदी की लेखक के जीवन परिचय को तैयार कर लेते हैं 5 अंकों का बोर्ड परीक्षा में आप आसानी से पा जाएंगे |

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय –

1. जन्म 19 अगस्त, सन 1907 ईसवीं |
2. जन्म-स्थान दुबे का छपरा, बलिया, उत्तर प्रदेश  |
3. पिता का नाम अनमोल द्विवेदी |
4. माता का नाम ज्योतिषमति |
5. बचपन का नाम वैद्यनाथ द्विवेदी |
6. मृत्यु 19 मई, सन 1979 ईस्वी |

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का साहित्यिक परिचय एवं उनकी प्रमुख रचनाएं –

शुक्लोत्तर युग के सुप्रसिद्ध लेखक आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का जन्म बलिया जिले के ‘दूबे का छपरा’ नामक ग्राम में सन् 1907 ई० में हुआ था। इनके पिता का नाम अनमोल द्विवेदी तथा माता का नाम ज्योतिकली देवी था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही स्कूल में हुई। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से इन्होंने साहित्य और ज्योतिषाचार्य की परीक्षा उत्तीर्ण की। ‘शान्ति निकेतन’ में इन्होंने संस्कृत व हिन्दी के अध्यापक पद को सुशोभित किया। रवीन्द्रनाथ टैगोर से जब इनकी भेंट हुई, तब उन्हीं से साहित्य-सृजन की प्रेरणा इन्हें प्राप्त हुई। ‘विश्व भारती’ का सम्पादन इनकी ही लेखनी से हुआ। सन् 1949 ई० में लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा इनको ‘डी. लिट्’ की उपाधि प्रदान की गई। ये पंजाब विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष व प्रोफेसर भी रहे। हिन्दी साहित्य में इनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण भारत सरकार द्वारा इन्हें सन् 1957 ई० में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित किया गया। सन् 1958 ई० में ये राष्ट्रीय ग्रन्थ न्यास के सदस्य बने । ‘कबीर’ नामक कृति पर इन्हें मंगलाप्रसाद पारितोषिक प्रदान किया गया। 19 मई 1979 ई० को साहित्य का यह महान् साधक चिर निद्रा में लीन हो गया।

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का हिन्दी साहित्य में स्थान –

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की कृतियाँ हिन्दी साहित्य की शाश्वत् निधि हैं। इनके निबन्धों और – आलोचनाओं में उच्चकोटि की विचारात्मक क्षमता के दर्शन होते हैं। हिन्दी – साहित्य जगत में इन्हें एक विद्वान समालोचक, निबन्धकार एवं आत्मकथा लेखक के रूप में ख्याति प्राप्त है। यह महान् व्यक्तित्व साहित्य-क्षेत्र में युगों-युगों तक अमर रहेगा।

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी जी के प्रमुख रचनाएं –

निबन्ध संग्रह – साहित्य के साथी, कुटज, अशोक के फूल, विचार और वितर्क, कल्पलता, आलोक-पर्व, विचार-प्रवाह आदि।
उपन्यास – पुनर्नवा, अनामदास का पोथा, चारू चन्द्र लेख, बाणभट्ट की आत्मकथा ।
सम्पादित ग्रन्थ – पृथ्वीराज रासो, सन्देश रासक, नाथ व सिद्धों की बानियाँ ।
आलोचना – हिन्दी-साहित्य की भूमिका, नाथ सम्प्रदाय, सूरदास और उनका काव्य, सूर-साहित्य, हिन्दी – साहित्य का आदिकाल, कबीर, कालिदास की लालित्य-योजना, साहित्य का मर्म, भारतीय वाङ्मय
अनूदित रचनाएँ – प्रबन्ध-कोष, पुरातन – प्रबन्ध-संग्रह, विश्व परिचय, प्रबन्ध – चिन्तामणि, मेरा बचपन, लाल कनेर आदि ।
इतिहास – हिन्दी साहित्य की भूमिका, हिन्दी साहित्य, हिन्दी साहित्य का आदिकाल |

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